✔️शिक्षा, विज्ञान व सामाजिक सरोकारों को लेकर जागरूक कर रहे चौबे
✔️वैज्ञानिक व सामाजिक सोच से मिला शैलेश मटियानी पुरस्कार
चंपावत: शिक्षक श्याम दत्त चौबे (इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त अल्मोड़ा के अलमियॉ दंपति के साथ) राज्य के प्रथम शिक्षक दंपति हैं जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा जायेगा चौबे की पत्नी सुशीला चौबे राजकीय जूनियर हाईस्कूल पऊ में
प्रधानाध्यापिका पद पर तैनात हैं जिन्हें वर्ष 2009 में शैलेश मटियानी पुरस्कार एवं 2013 में राष्ट्रीय शैक्षिक पुरस्कार से नवाजा गया है। राज्य के पहले शिक्षक दंपति भी हैं जो भारत स्काउट गाईड के जिला स्काउट कमिश्नर एवं जिला गाईड कमिश्नर के पद पर कार्य कर रहे हैं
चौबे राज्य के पहले शिक्षक दंपति भी हैं जो भारत स्काउट गाईड के जिला स्काउट कमिश्नर एवं जिला गाईड कमिश्नर के पद पर कार्य करते हुए अतिरिक्त समय व सेवाएँ दे रहे हैं जो जनपद के कई छात्र-छात्राओं (स्काउट / गाईड) को राज्यपाल व राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान करने में अपना अहम सहयोग दे रहे हैं ।
(वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान के साथ कई राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर चुके हैं चौबे) चम्पावत पं० बेनीराम पुनेठा राजकीय इण्टर कालेज के जीव विज्ञान प्रवक्ता श्याम दत्त चौबे को उत्कृष्ट शिक्षा, विज्ञान, नवाचारी शिक्षण और सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये शैलेश मटियानी राज्य पुरस्कार प्रदान किया गया है। अपने अध्यापन कार्य के साथ
प्रधानाचार्य एवं जिला कमिश्नर स्काउट गाईड की जिम्मेदारी संभाल रहे चौबे ने वर्ष 1991 में
जी०आई०सी० खेतीखान से अध्यापन कार्य शुरू किया विज्ञान विषय में उत्कृष्ट परीक्षाफल देने, छात्र नामांकन वृद्धि, कई नवाचारी शिक्षण कार्य, अनेक छात्रों को
प्रतिवर्ष विज्ञान की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में विशिष्ट प्रदर्शन करने व स्वयं कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिभाग के साथ विद्यालय व छात्रों के विकास में उत्कृष्ट योगदान एवं विशिष्ट प्रशासनिक कौशल का परिचय देने के लिए यह पुरस्कार प्रदानकिया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में भी चौबे द्वारा कई वर्षों से पौधा रोपण जल संरक्षण व्यक्तिगत बॉटनिकल गार्डन की स्थापना, कीवी, स्ट्राबेरी, सेब, माल्टा आदि का उत्पादन
तथा स्थानीय काश्तकारों को प्रोत्साहन आदि उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं, तथा लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी नाम दर्ज करा चुके हैं ।
वर्ष 2016 में व्यक्तिगत प्रयास से इलै० प्रोजेक्टर व लेपटॉप आदि प्रदान कर विद्यालय में आई०सी०टी० स्मार्ट क्लास का संचालन कर रहे हैं एवं विद्यालय में विशेष
प्रयास से पाँच स्मार्ट क्लास की स्थापना करा चुके हैं । क्षेत्र में प्रतिवर्ष स्वास्थ्य व रक्तदान शिविर आयोजन कर रक्तदान में भी आगे रहते हैं। चौबे साहित्य काव्य लेखन में भी देश प्रेम, सामाजिक कुरीतियों, नशा उन्मूलन, आपदा प्रबन्धन आदि विषयों पर दो पुस्तकों का प्रकाशन करा चुके हैं। वर्ष 2009 से लगातार क्षेत्र के 25 गाँव की सामाजिक उत्थान एवं शैक्षिक सांस्कृतिक व
खेल समिति के अध्यक्ष भी निर्विरोध चुने जाते रहे हैं। जिनके नेतृत्व में प्रतिवर्ष कई सामाजिक व शैक्षिक कार्यों के साथ पाँच दिवसीय विशाल वायुरथ महोत्सव का आयोजन प्रशासनिक सहयोग से किया जाता है। जिसमें कई जागरूकता शिविर कार्यक्रमों के संचालन साथ राज्य
एवं राष्ट्रीय दलों के द्वारा जागरूकता और देशप्रेम आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं जिसमें विशेषतः स्वास्थ्य, रक्तदान, आपदा प्रबन्धन, समाजकल्याण व स्काउट सेवा शिविरों के माध्यम से जनता को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाया जाता है।
चौबे द्वारा अपने वेतन से 10 प्रतिशत धनराशि का प्रयोग प्रतिवर्ष विद्यालय के साथ क्षेत्र के निर्धन मेधावी छात्रों व सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में किया जाता है।
भौतिक संसाधन विकास व निर्माण चौबे द्वारा अपने व्यक्तिगत प्रयास से विद्यालय में स्थापित विद्यालय व छात्र
कल्याण समिति के माध्यम से विद्यालय में लगभग रू0 35 लाख की धनराशि व …
सामाजिक क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रमों व महोत्सव के माध्यम से रु० 40 लाख से अधिक के निर्माण कार्य स्वीकृत कराकर मिशाल कायम की है ।