देहरादून 12 दिसंबर।  मुख्यमंत्री ने किया स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा का शुभारम्भ@

खबर शेयर करें -




👉स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की मिलेगी प्रेरणा

💥स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की मिलेगी प्रेरणा

देहरादून विशेष संवाददाता मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में  हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित ‘स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ का शुभारम्भ स्मृति पौध भेंट कर किया। इस अवसर पर यूकॉस्ट द्वारा आयोजित ‘अभिनन्दन एवं पौध भेट समारोह’ में विश्वविद्यालयों को शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी आयोजन को यादगार बनाने में पेड़ों की बडी भूमिका होती है। पेड़ जहां जीवन के आधार है वहीं हमारी संस्कृति और स्मृति के भी प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय अपने स्वर्ण जयंती वर्ष को इको फ्रेंडली रुप से मना रहे हैं तथा दूसरे को पचास-पचास पेड़ भेंट कर एक विश्वविधालय के सदस्य दूसरे विश्व विद्यालय में पहुंचकर पचास पौधों का रोपण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हमारे युवा बौद्धिक रूप से जागृत और समझदार होते हैं। जन-जन तक संदेश पहुंचाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जलवायु परिवर्तन से उपजी समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व की जीवन शैली में परिवर्तन लाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की प्रेरणा भी मिलेगी। यह यात्रा लोगों में अपनी संस्कृति, स्वच्छ परम्परा, खान पान, बोली-भाषा के प्रति भी जागरुकता पैदा करेगी।

सिल्वर जुबली पर मैती संस्था ने ऐसी ही रथ यात्राएं आयोजित की थी। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 18 दिसम्बर को हे.न.ग. विश्वविधालय से 50 पेड़ लेकर संदेश यात्रा दल नैनीताल प्रस्थान करेगा। 19 दिसम्बर को नैनीताल में वृक्षारोपण व विचार गोष्ठी आयोजित होगी। 20 दिसम्बर को नैनीताल से 50 पेड़ श्रीनगर गढ़वाल पहुंचेंगे।

कार्यक्रम में गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad