चंपावत: मानसून काल में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारी सजगता से मिशन मोड पर कार्य करें: कैबिनेट मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री श्रीमती रेखा आर्या$👁️ अशोक गुलाटी editor-in-chief ki report

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चंपावत (अशोक गुलाटी editor-in-chief)
मानसून काल में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारी सजगता से मिशन मोड पर कार्य करें। यह बात जनपद चंपावत पहुंची कैबिनेट मंत्री एवं जनपद चंपावत की प्रभारी मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने जिला सभागार चंपावत में अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में कही
जनपद में मानसून काल में प्राकृतिक आपदा से वर्तमान तक हुई क्षति एवं आपदा पुनर्निर्माण की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में मा. मंत्री ने कहा कि अच्छी बात है कि वर्तमान में जनपद में आपदा के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है लेकिन मानसून सत्र अभी समाप्त नहीं हुआ है और खतरे की संभावनाएं रहती है, इसके दृष्टिगत सभी विभाग मैन पावर तथा पूरी मशीनरी के साथ अलर्ट रहे। सड़क मार्ग बंद होने पर कम से कम समय पर उसे खोला जाए। सड़कों को बरसात में कम क्षति हो इस हेतु सड़क निर्माण से संबंधित सभी विभाग लगातार नाली, स्कबर, कोजवे की सफाई नियमित रूप से करते रहे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जनपद के सभी सड़क मार्गों में जो पेड़ खतरे की जद में आ गए हैं, जिनसे कभी भी दुर्घटना हो सकती है ऐसे पेड़ो को राजस्व, वन विभाग एवं सड़क निर्माण विभाग संयुक्त निरीक्षण कर तत्काल हटाने व लोपिंग की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि मानसून काल में जिले में जहां-जहां किसानों की भूमि जो जलभराव, भू-कटाव आदि से क्षतिग्रस्त हो गई है तथा फसल को नुकसान हुआ है उनका आकलन कर मुआवजा राशि शीघ्र बाटी जाए। साथ ही उन्होंने मैदानी क्षेत्र में नदी से जो कृषि भूमि का कटाव हो रहा है उसके स्थाई समाधान हेतु सिंचाई विभाग को बाढ़ सुरक्षा के कार्य समय पर करने के निर्देश दिए और जिन कार्यों में धनराशि प्राप्त हो गई है सिंचाई विभाग तत्काल टेंडर की कार्यवाही कर कार्य प्रारंभ करें, ताकि कृषि भूमि के कटान को आगामी वर्षों में कम किया जा सकें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को समय पर मुआवजा की राशि वितरित की जाए। माननीय मंत्री ने कहा कि चंपावत टनकपुर मार्ग जो धौंन से स्वाला के मध्य विभिन्न स्थानों में संवेदनशील है और सड़क मार्ग बंद हो जाता है, इस हेतु इस मार्ग का एक वैकल्पिक मार्ग जो धौंन दियूरी से चल्थी तक है, को एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग में लाने हेतु लोनिवि मार्ग के निर्माण हेतु कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ करें। माननीय मंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि जिले में मानसून काल के दौरान वर्तमान तक सभी विभागों द्वारा तत्परता से कार्य किया गया है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आगे भी इसी प्रकार कार्य कर किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने हेतु सजग रहते हुए कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों से क्षेत्र की आमजनता से समन्वय बनाते हुए उनकी समस्याएं सुनने और समय से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागों से कहा की जनप्रतिनिधि भी आमजन हेतु कार्य करते है इसलिए प्राथमिकता के साथ जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर कार्य करें।
बैठक में माननीय मंत्री का स्वागत करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा ने जनपद में मानसून सत्र के दृष्टिगत राहत एवं बचाव से सम्बन्धित तैयारियों की मा. मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक तहसील एवं मुख्यालय स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं जो 24×7 की तर्ज पर कार्य करते है। जिनमें आपदा से सम्बन्धित घटनाओं की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सम्बन्धित अधिकारियों एवं विभागो को दी जाती है, जिसके उपरांत तत्काल विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। प्रभारी जिलाधिकारी ने जनपद के भूस्खलन क्षेत्रों, पुलों, हेलीपैड, रैनफाल डाटा, सड़कों की स्थिति, सेटेलाइट फोन, स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तृत जानकारी से मा. मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 09 के साथ ही जनपद की विभिन्न सड़क मार्गों में कुल 44 अति संवेदनशील स्थल है, मार्ग अवरूद्ध होने पर उसे सुचारू करने हेतु 37 जेसीबी, 01 रोबोट, 04 पोकलैंड तथा 01 लोडर तैनात किए गए है। राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत ककराली गेट से घाट तक कुल 12 क्रोनिक लैंड स्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं, इनके साथ ही मार्ग में अन्य स्थानों में सुरक्षा के कार्य आदि हेतु टेंडर कार्यवाही पूर्ण कर सुरक्षा के कार्य प्रारंभ कर लिए गए हैं। आगामी मानसून से पूर्व कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। जिससे आगामी वर्षों में सड़क मार्ग में बंद होने आदि की समस्या नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि पूर्णागिरी टनकपुर अंतर्गत बाढ़ संभावना के दृष्टिगत 03 सेक्टर तथा 5 राहत शिविर चिन्हित किए गए, मानसून अवधि में वर्तमान तक 12 विभागों की कुल 156 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है, जिसका संभावित आगणन रुपया 1362.65 लाख है, उन्होंने अवगत कराया कि जनपद में वर्तमान तक दो आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, प्रभावितों को 2.535 लाख की धनराशि वितरित कर दी गई है। उत्तराखंड पुनर्वास नीति 2021 के अंतर्गत तहसील बराकोट के ग्राम भारतोली के तोक मल्ली भारतोली के 8 परिवार, बाराकोट के ग्राम गल्लागांव के 8 परिवार तथा तहसील चंपावत के ग्राम कोट अमोड़ी के 3 प्रभावित परिवारों को विस्थापित कर दिया गया है।
इस दौरान मा.मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग के कोट अमोड़ी के 03 प्रभावित परिवारों को उत्तराखंड पुनर्वास नीति के अंतर्गत कुल 12.75 लाख की धनराशि के चैक महिलाओं को वितरित किए गए।
इससे पूर्व माननीय मंत्री ने बनबसा से चंपावत तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर संवेदनशील स्थल किमी 100 कोट अमोड़ी तथा किमी 106 स्वाला धौंन आदि स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर अधिशासी अभियंता एनएच से आवश्यक जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि मानसून काल में राष्ट्रीय राजमार्ग में सुरक्षा के पूर्ण सावधानी बरते हुए बंद मार्ग को तत्काल खोले जाने हेतु कार्यवाही की जाए। इस दौरान अधिशासी अभियंता ने अवगत कराया कि इस मार्ग में सभी संवेदनशील स्थलों के ट्रीटमेंट का कार्य प्रारंभ हो गया है। आगामी 1 वर्ष के भीतर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। इस हेतु निजी कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा है, जिसके द्वारा आगामी 10 वर्षों तक भी मेंटेनेंस का कार्य भी किया जाएगा।
बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, बाराकोट विनीता फर्त्याल, पाटी सुमनलता, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी आरएस रावत, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पाण्डेय समेत जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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