देहरादून। अशोक गुलाटी editor-in-chief की Exclusive रिपोर्ट/ उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्व विद्यालय की बोलेरो एक साल से भी अधिक समय से गायब है। आरोप है कि इसे अवैध तरीके से पूर्व कुलसचिव ने कब्जा रखा है। लेकिन पुलिस एक साल बीतने के बाद भी उक्त वाहन को बरामद करना तो दूर मामले में रिपोर्ट दर्ज करने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही। मामले में वर्तमान कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी की ओर से पुलिस को पुनः वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है कि विश्वविद्यालय का बोलेरो वाहन संख्या- यूú केú- 07 जीúएú- 1062 (बोलेरो), विगत एक वर्ष से भी अधिक समय से विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर हर्रावाला, देहरादून से गायब है। कई महीनो से इसकी शिकायत बार-बार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व कोतवाली डोईवाला व पुलिस चौकी, हर्रावाला को की जा रही है। लेकिन सम्बंधित अधिकारियों द्वारा अभी तक मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की गयी है। पूर्व में विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलसचिव डाú राजेश कुमार ने भी इस प्रकरण में पुलिस चौकी और कोतवाली डोईवाला को शिकायत की गयी थी। आरोप है कि पूर्व कुलसचिव डाú मृत्युंजय कुमार मिश्रा द्वारा कूटरचित दस्तावेज बनाकर जबरन वाहन को अपने कब्जे में रऽा गया है। यह वाहन विश्वविद्यालय स्तर पर कभी भी डाú मृत्युंजय कुमार मिश्रा को आबंटित नहीं किया गया है। वाहन शासकीय वाहन विश्वविद्यालय की संपति है। वाहन को अनाधिकृत रूप से कब्जाने से विश्वविद्यालय को लगातार वित्तीय क्षति हो रही है। कुलपति ने मामले में कानूनी कार्रवाई करते हुए वाहन को तुरंत बरामद करने की मांग की है। पूर्व में भी इसी तरह कई बार पुलिस के अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद मामले में पुलिस ने वाहन को बरामद करना तो दूर अभी तक रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की है। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। युवा सीएम साहब इस खबर के बाद क्या एक्शन लेते हैं पूरे उत्तराखंड की नजर इस आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय पर टिकी हुई है।