
रुद्रपुर स्टाफ रिपोर्टर शासन प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों व किसानों को उजाड़ना बंद करे। आम जनता के हितों की रक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार का असली चेहरा सामने आ चुका है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों परिवारों को उजाड़ दिया गया जिनके पुर्नवास की तत्काल व्यवस्था की जाये। यह बात किच्छा के विधायक एवं पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड ने आज अतिक्रमण हटाने के विरोध तथा उजाड़े गये परिवारों के पुर्नवास की मांग को लेकर कलैक्ट्रेट गेट पर हजारों की संख्या में पहुंचे क्षेत्रवासियों के साथ धरना देते हुए कही। उन्होंने कहा कि किच्छा के ग्राम बंडिया के दो सौ से भी अधिक परिवारों को अतिक्रमण हटाने के नाम पर उजाड़ दिया गया जब कि यह परिवार पिछले कई वर्षों से वहां निवास कर रहे थे । उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद कह रहे है कि प्रदेश में लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी आंेर प्रदेश सरकार के संरक्षण में अफसरशाही पिछले कई दशकों से रह रहे परिवारों को उजाड़ने में लगी हुई है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्री बेहड़ ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों के पुर्नवास की व्यवस्था करनी चाहिए थी। आज किच्छा, लालकुंआ, रूद्रपुर, केलाखेड़ा, सुल्तानपुर पट्टी, जसपुर, सितारगंज सहित कई क्षेत्रों के लोग खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां उसके जन विरोधी होने का प्रमाण दे रही हैं। आज आम जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, पेयजल, चिकित्सा, पेंशन, राशन कार्ड, आवास सहित कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। जनसमस्याओं का समाधान करने के बजाय सरकार जनता को उजाड़कर उनकी समस्याओं को और बढ़ा रही है। श्री बेहड़ ने कहा कि वह आम जनता के हितों को प्रभावित नहीं होने देंगे और उजाड़े गये परिवारों के पुर्नवास की मांग को वह सड़क से सदन तक उठायेंगे। उन्होंने कहा कि अब पंतनगर के सैकड़ो निवासियों को नोटिस थमा दिये गये हैं। वहीं किसानों की जमीनों की भी नपाई शुरू कर दी गई है। जो सरकार की मंशा को दर्शा रहा है। धरना स्थल पर हजारों की संख्या में लोगों ने भागीदारी की जिसमें महिलाओं की संख्या भी काफी रही। धरने में मुख्य रूप से पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन,नवतेजपाल सिंह, दर्शन सिंह कोली, राजन शर्मा, सतपाल गाबा, किन्नू शुक्ला, सरवरयार खां, गुलशन सिंधी, नारायण सिंह, बिष्ट, गुड्डू तिवारी, संजय जुनेजा, हरीश अरोरा, राजकुमार सीकरी, राजेश प्रताप सिंह, रामकुमार सिंह, हेमंत साहू, गोबिंद कश्यप, नीरज आगरी, मेजर सिंह, गौरव बेहड़, सौरव बेहड़, राजेश बंसल, ओम प्रकाश अरोरा, ममता रानी, मीना शर्मा, सुनीता कश्यप, सतनाम सिंह, रामकुमार, शीला, पार्वती, उर्मिला, शकुंतला, गायत्री, रेखा सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
धरने में कांग्रेस के कई नेता रहे नदारद
रूद्रपुर । विधायक तिलक राज बेहड़ के आहवान पर आयोजित धरना प्रदर्शन में आज बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की लेकिन उनकी अपनी ही पार्टी के कई जिम्मेवार लोग धरना प्रदर्शन में नजर नहीं आये। जो चर्चा का विषय बना रहा। पूर्व मंत्री बेहड़ ने गरीबों को उजाड़े जाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन में सभी दलों के लोगों से जुटने का आहवान किया था। उन्होंने साफ कहा था कि उनका यह धरना प्रदर्शन पार्टी के बैनरतले नहीं है। लिहाजा कोई भी इसमें समर्थन देने पहुंच सकता है। बेहड़ की इस अपील का असर दिखायी दिया और बड़ी संख्या में लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर बेहड़ की मांग का समर्थन किया। लेकिन कांग्रेस के जो बड़े पदाधिकारी बेहड़ के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते थे आज उनमें अनेक नदारद रहे। जिनमें कांग्रेस के नवनियुक्त जिला तथा स्थानीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हैं। गली गली में जाकर पार्टी को मजबूत करने का दावा करने वाले इन नेताओं का अपनी ही पार्टी के विधायक के साथ खड़ा न होना चर्चा का विषय बना रहा। एक तरफ कांग्रेस गुटबाजी को खत्म करने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ आये दिन कांग्रेस की अंदरूनी कलह सार्वजनिक हो रही है। आज के धरना प्रदर्शन में भी कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर उजागर हुयी है। गुटबाजी इाक्र एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ का आलम है कि बेहड़ के इस धरना प्रदर्शन के जवाब में दूसरे गुट ने 7 जून को किच्छा तहसील में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।






















































