22 मई
लालकुआं 22 मई संवाददाता
- रेलवे द्वारा नगीना कॉलोनी के उजाड़े गए सभी परिवारों के लिए समुचित आवास की व्यवस्था करो
- रामनगर क्षेत्र के वन गांवों पुछड़ी, कालूसिद्ध और नई बस्ती समेत सभी वन गांवों, खत्तों को उजाड़ने की कोशिश पर रोक लगाओ
- सभी वन गांवों, गोठ खत्तों, गुर्जर खत्तों का स्थायीकरण करते सभी खत्तों में सभी मूलभूत नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं
- भाकपा माले कार्यकर्ताओं का तीन सूत्रीय मांगों को लेकर लालकुआं तहसील पर प्रदर्शन
रेलवे द्वारा नगीना कॉलोनी के उजाड़े गए सभी परिवारों के लिए समुचित आवास की व्यवस्था करने, रामनगर क्षेत्र के वन गांवों पुछड़ी, कालूसिद्ध और नई बस्ती समेत सभी वन गांवों, खत्तों को उजाड़ने की कोशिश पर रोक लगाने और सभी वन गांवों, गोठ खत्तों, गुर्जर खत्तों का स्थायीकरण करते सभी खत्तों में सभी मूलभूत नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांगों को लेकर भाकपा माले कार्यकर्ताओं द्वारा लालकुआं तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी/तहसील कार्यालय लालकुआं के माध्यम से उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
प्रदर्शन में भाकपा माले के जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “लालकुआं की नगीना कॉलोनी को रेलवे अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया जबकि रेलवे नगीना कॉलोनी के मलिकाने के कागज दिखाने में असफल साबित हुआ था। कुलमिलाकर यह गरीबों के आवास के अधिकार पर सीधा हमला है। जो कभी वन विभाग और कभी रेलवे के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर हो रहा है। यह सरासर अन्याय है जो बंद होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि, “उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार के दिशा निर्देश पर वन विभाग द्वारा विभिन्न वन ग्रामों, गुर्जर खत्तों को हटाने की तैयारी और विभिन्न धर्मों की आस्था के केन्द्र मजारों और मंदिरों को तोड़ने की भाकपा माले कड़ी आलोचना करती है। जिस तरह भाजपा द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है और जनता को विभाजित कर फूट डालो और राज करो की नीति अपनाते हुए बेघर करने का काम किया जा रहा है, यह उत्तराखण्ड की साझी संस्कृति पर सीधा हमला है और इसका बहुत ही गलत संदेश समाज में जा रहा है। इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि,”उत्तराखण्ड राज्य में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर जिस तरह की तेजी दिखाकर बड़े पैमाने पर गरीबों भूमिहीनों और खास तौर पर दलितों अल्पसंखकों को उजाड़ने की कार्यवाही चल रही है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह काम वन विभाग के स्तर पर नहीं बल्कि सीधे धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के निर्देश पर हो रहा है।”
अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “अतिक्रमण के नाम पर पहले वन खत्तों में रहने वाले गुर्जरों और मजदूरों को नोटिस दिया गया, उसके बाद सभी धर्मों की आस्था के केन्द्र मजारों को तोड़ा गया उसके बाद रामनगर के वन गांवों पुछड़ी, कालूसिद्ध को हटाने की घोषणा कर दी गई। और अब जानकारी मिली है कि पटरानी समेत विभिन्न वन ग्रामों को भी हटाने की तैयारी की जा रही है। हम आपकी राज्य सरकार से जानना चाहते हैं कि हजारों की जिस आबादी को यह सरकार उजाड़ने का काम कर रही है वह आबादी कहां जायेगी। गौरतलब बात यह है कि जिनके घरों आवास पर बुलडोजर सरकार चलाने जा रही है उनमें अधिकांशतः बेहद गरीब, दलित, अल्पसंख्यक लोग हैं। सबसे खेद का विषय यह है कि संघ-भाजपा से जुड़े लोग इन मामलों को पूरी तरह विभाजनकारी राजनीति का मोड़ देने में जुटे हैं।”
प्रदर्शन के पश्चात राज्य के मुख्यमंत्री को तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया:
- रेलवे द्वारा अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गए नगीना कॉलोनी के सभी परिवारों के लिए समुचित आवास की व्यवस्था की जाय।
- रामनगर क्षेत्र के पुछड़ी, कालूसिद्ध, नई बस्ती समेत अन्य वन गांवों, वन खत्तों, गुर्जर खत्तों को उजाड़ने की घोषणा को वापस लेते हुए इस कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
- सभी वन गांवों, गोठ खत्तों, गुर्जर खत्तों का स्थायीकरण करते सभी खत्तों में सभी मूलभूत नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
इस अवसर पर भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, आइसा नैनीताल जिला अध्यक्ष धीरज कुमार, वरिष्ठ नेता भुवन जोशी, गोविंद सिंह जीना,बिशन दत्त जोशी, आइसा लालकुआं अध्यक्ष विकास सक्सेना, चन्दन राम, नैन सिंह कोरंगा, ज्योति सिंह, कीर्तिबल्लभ, गोविन्द राम, हरीश सिंह, नंदन प्रसाद आदि शामिल रहे।