ब्रेकिंग किच्छा (उधम सिंह नगर)। हॉस्पिटल हॉस्पिटल: डॉक्टर की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत?👉😲 परिजनों ने कार्रवाई की मांग की+

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किच्छा (उधम सिंह नगर) स्टाफ रिपोर्टर। जनपद के मलपुरा निवासी एक व्यक्ति के नवजात शिशु के मौत के मामले में नवजात के परिजनों ने किच्छा स्थित किशोर अस्पताल डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से लिखित में शिकायत करते हुए किशोर अस्पताल के खिलाफ कारवाई की मांग की। पत्र में लिखा है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण है नवजात शिशु की मौत हुई है। सीएमओ उधम सिंह नगर को दिए गए प्रार्थना पत्र में

मलपुरा निवासी कफील मालिक ने जिला मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर बताया है की उनके छोटे भाई की पत्नी सुमेला गर्भवती थी जिसका ईलाज किच्छा स्थित किशोर हॉस्पिटल में महिला चिकित्सक मृदुला किशोर के देख में इलाज चल रहा था , चिकित्सक द्वारा महिला ओर शिशु को पूर्णतया स्वस्थ बताया गया था।

पत्र में लिखा है जी बीते 18 सितम्बर को महिला के प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा किशोर हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। परिजनों द्वारा आरोप यह है की 19 सितम्बर को महिला के प्रसव के दौरान जब महिला चिकित्सक को बुलाया गया तो वह कई घंटो बाद आई और महिला सूमेला को प्रसव हेतु ऑपरेशन कक्ष ले गई, देरी होने की वजह से प्रसव वेदना से पीड़ित सुमेला को काफी परेशानी भी हुई। जिस पर परिजनों ने चिकित्सक से अपनी नाराजगी भी जाहिर किया।

परिजनों का आरोप यह है की चिकित्सक ने ऑपरेशन कक्ष के अन्दर प्रसूता सुमेला के साथ लापरवाही की साथ ही प्रसूता को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की दवा का ओवर डोज दे दिया जिसका दुष्प्रभाव प्रसूता और प्रसव उपरांत नवजात शिशु पर भी पड़ा।

परिजनों ने चिकित्सक की लापरवाही के कारण से नवजात की हालत बिगड़ने लगी जिसे देख किशोर हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। आनन फानन में परिजनों ने नवजात को हल्द्वानी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है की महिला चिकित्सक मृदुला किशोर ने परिजनों का आर्थिक शोषण भी किया। इससे पूर्व में भी कई घटनाएं घट चुकी है उन्होंने डॉक्टर गीत खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। नवजात की मौत से परिवार जन सदमे में है। अब देखना यह होगा कि करवाई होती है या फिर हमेशा की तरह मामला टाय टाय फिश हो जाता है।

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