आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहरादून की पूर्व बहुत चर्चित रजिस्टर ने ऐसा खेला खेला दांतो तले उंगली आप दबा लेंगे एक जूनियर पीटी टीचर को कैसे उपकुल सचिव पद की नियुक्ति दिला दी जबकि इस पद पर केवल प्रशासनिक अधिकारी की ही नियुक्ति हो सकती है। भ्रष्टाचार एक प्रत्यक्ष प्रमाण सहित आपको सनसनी के (पार्ट 3 )प्रस्तुत कर रहे हैं जबकि यह विभाग युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास है। जबकि सीएम साहब भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए रात दिन एक लगे हुए हैं; वही अधिकारी कैसे सरकार की खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? एक प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति की जगह एक जूनियर पीटी टीचर की नियुक्ति कर दी। हमारी खबर चलने के बाद शासन प्रशासन हरकत में आया है अब गवर्नर के यहां से जांच के आदेश हुए हैं और हड़कंप मच गया है तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी गई है जो 1 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेंगे।
















उधम सिंह नगर (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ)। स्थानीय मुख्यालय रुद्रपुर में जूनियर स्कूल में पीटी टीचर का आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय कॉलेज में उप कुलसचिव की नियुक्ति का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। गौरतलब है कि इस मामले को देवभूमि न्यूज़ पोर्टल चैनल ने प्रमुखता से उठाया था। मामला गवर्नर हाउस पहुंच चुका है राजपाल के अनु सचिव ने शासन को जांच के आदेश दिए हैं शासन ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए आयुर्वेदिक कॉलेज के रजिस्ट्रार को जांच के आदेश दिए हैं रजिस्ट्रार dr राजेशAdana 3 सदस्य प्रोफेसर की जांच कमेटी बनाई है सूत्रों के मुताबिक जांच कमेटी में प्रोफेसर अनूप कुमार प्रोफ़ेसर पंकज शर्मा प्रोफेसर अमित जैन वित्तीय अधिकारी को नियुक्त किया है जिसकी रिपोर्ट 1 सप्ताह के भीतर देनी है। जांच के आदेश देने के बाद पीटी टीचर को बचा रहे तथाकथित उनके संरक्षक वालों में हड़कंप मच गया है। आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी ने देवभूमि माया न्यूज़ पोर्टल चैनल एडिटर इन चीफ अशोक गुलाटी के एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि किया पीटी टीचर की उप कुलसचिव की नियुक्ति अवैधानिक है। जबकि इस पद पर प्रशासनिक अधिकारी की ही नियुक्ति होनी चाहिए थी। गौरतलब है कि( विगत पार्ट 2 )में हमने आपको अवगत करवाया था कि














एक वरिष्ठ अफसर ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस पद पर प्रशासनिक नियुक्ति होनी चाहिए थी परंतु और भ्रष्ट निलंबित रजिस्टर जो हाल में ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर छूटा है उसने भ्रष्टाचार का इस तरह खेला खेला की एक जूनियर पीटी टीचर को प्रशासनिक पद पर बैठा दिया और इसमें बहुत मोटा खेला हुआ था। आपको अगले अंक में हम बताएंगे कैसे नियुक्ति पत्र में अधिकारी ने अपने को कैसे बचाया था? अभी तो खेला बाकी है( अगले चौथे अंक )में सनसनीखेज और खुलासा करेंगे? जारी…..






















































