


नैनीताल (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ) जब से दीपक रावत ने कुमाऊं कमिश्नर का कार्यभार ग्रहण किया है तब से कुमायूं के समस्त कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों में नई ऊर्जा प्रदान हो गई है। अब व चौकस रहने लगे हैं; कि कब कमिश्नर साहब का छापा पड़ जाए। इतिहास में पहली बार ऐसा कमिश्नर आया है जो गरीबों का मसीहा है ही और वह कार्यालय में आकस्मिक छापामारी भी कर रहे हैं; जागरूक नागरिकों का कहना है कि कमिश्नर हो तो दीपक रावत जैसा ही हो ? गौरतलब है कि कमिश्नर जमीनी हकीकत से भलीभांति वाकिफ है यही कारण है कि वह शायद ही ऐसा कोई दिन जाता हो जिस दिन वो किसी कार्यालय में छापामारी ना करते हो? अधिकारी व कर्मचारी चौकस रहने लग गए हैं और समय पर कार्यालय में पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड के अत्यंत लोकप्रिय तेजतर्रार युवा कमिश्नर दीपक रावत ने बुधवार को नैनीताल के खनन पटल पर छापामारी के दौरान
अनियमिततायें पकड़ी। जिस पर उन्होंने
• अपर जिलाधिकारी खनन व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट को जारी किया कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
• अपर जिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति- मण्डलायुक्त।
विवरण के मुताबिक कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बुधवार को नैनीताल कलेक्ट्रेट स्थित खनन ऑफिस के खनन पटल पर छापेमारी की, छापेमारी के दौरान कुमाऊँ कमिश्नर को काफी खामियां मिली, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की। मण्डलायुक्त ने बताया कि जिलाधिकारी नैनीताल, अपरजिलाधिकारी खनन अशोक जोशी ने 02 वर्ष व प्रभारी अधिकारी द्वारा आतिथि तक खनन पटल का निरीक्षण नहीं किया है। इन सबका दायित्व है कि निर्धारित समयावधि में खनन पटल का निरीक्षण करें।
• खनन पटल की संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी तक न पहुँचाये जाने पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी खनन अशोक जोशी व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट राहुल शाह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यूँ न इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय । साथ ही अपरजिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति भी की है।
• छापेमारी के दौरान पता चला कि खनन पोर्टल पर पिछले 3 सालों से अर्थदंड वालों की आरसी(रिकवरी सर्टिफिकेट) नहीं काटी जा रही थी, जबकि अवैध खनन करने वालों की संयुक्त रिपोर्ट होने के बावजूद अवैध खनन कर्ताओं को नोटिस नहीं दिया जा रहा था जिस पर कमिश्नर श्री रावत ने खनन विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। कहा कि उच्च अधिकारियों द्वारा समय समय पर निरीक्षण न करने के कारण सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

मण्डलायुक्त ने बताया कि जिलाधिकारी नैनीताल, अपरजिलाधिकारी खनन अशोक जोशी ने 02 वर्ष व प्रभारी अधिकारी द्वारा आतिथि तक खनन पटल का निरीक्षण नहीं किया है। इन सबका दायित्व है कि निर्धारित समयावधि में खनन पटल का निरीक्षण करें।
खनन पटल की संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी तक न पहुँचाये जाने पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी खनन अशोक जोशी व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट राहुल शाह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यूँ न इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय।
साथ ही अपरजिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति भी की है।…








छापेमारी के दौरान पता चला कि खनन पोर्टल पर पिछले 3 सालों से अर्थदंड वालों की आरसी(रिकवरी सर्टिफिकेट) नहीं काटी जा रही थी, जबकि अवैध खनन करने वालों की संयुक्त रिपोर्ट होने के बावजूद अवैध खनन कर्ताओं को नोटिस नहीं दिया जा रहा था जिस पर कमिश्नर श्री रावत ने खनन विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। कमिश्नर द्वारा दो अफसरों को कारण बताओ नोटिस दिए जाने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वही मजेदार बात यह है कि मौसम विभाग ने हाई अलर्ट कर रखा है वही अधिकारी भी हाई अलर्ट हो गए हैं कि कब कमिश्नर साहब का छापा पड़ जाए।






















































