बिग ब्रेकिंग कैंची धाम: (नैनीताल) दोपहर 12:00 बजे तक 1 लाख भक्तों ने बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन किए है @👍 ढाई से तीन लाख भक्तों के दर्शन करने की उम्मीद@रात्रि 9:00 बजे यातायात के लिए मार्ग खोल दिया जाएगा@👉 शांतिपूर्ण श्रद्धालु कर रहे हैं दर्शन:: पंकज भट्ट एसएसपी नैनीताल (बाबा की अद्भुत करिश्मा की विशेष कवरेज) देवभूमि माया न्यूज़ पोर्टल चैनल एडिटर इन चीफ अशोक गुलाटी की ग्राउंड जीरो से ‌विशेष रिपोर्ट :-लाइव

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कैंची धाम :नैनीताल (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ) आज भवाली रानीखेत मार्ग पर स्थित कैंची धाम मैं बाबा नीम करोली महाराज का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है दोपहर 12:00 बजे तक एक लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा का प्रसाद ग्रहण कर चुके हैं शांतिपूर्ण श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर रहे हैं रात्रि 9:00 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा यह जानकारी देते हुए नैनीताल के लोकप्रिय तेजतर्रार एसएसपी पंकज भट्ट ने एक विशेष भेंट में दे दूंगा होटल चैनल हेड को बताया कि सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए ताकि किसी भी तरह से कोई भी गड़बड़ी ना हो उन्होंने बताया कि अब तक 100000 से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं और शांतिपूर्ण तरीके से पंक्ति मैं खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। वे स्वयं सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं उन्होंने बताया कि रात्रि आवागमन के लिए 9:00 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग खोल दिया जाएगा उन्होंने बताया कि 7:00 बजे तक तीन लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर लेंगे। इधर दूसरी ओर बाबा के अद्भुत चमत्कार से लोग भली-भांति मानते हैं कल हमने आपको बताया था बाबा गिरीश तिवारी के आवास पर बरसों यहां पर रुके थे और उनके सैकड़ों करिश्मा आप को बताए थे। श्रद्धालु दर्शनार्थ हेतु कई कई किलोमीटर लंबी लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि हिमालयन की तलहटी में बसा नैनीताल जिले से करीब 65 किमी दूर कैंची धाम या नीम करोली बाबा आश्रम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। यह आश्रम एकदम शांत, साफ-सुथरी जगह, हरियाली, सुकून समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है। यह आश्रम बाबा नीम करोली महाराज जी को समर्पण है। मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यही वजह है कि देश–विदेश से लाखों श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचते हैं। आज यानी 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस है। इस मौके पर आज कैंची धाम में भव्य मेले का आयोजन हो रहा है। कोरोना के 2 साल बाद कैंची धाम स्थापना दिवस के मौके पर मेले का आयोजन हो रहा है। इस मेले में आज सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं।..

कैंची धाम का 58वां स्थापना दिवस

दो साल बाद आयोजित हो रहे कैंची धाम स्थापना दिवस मेले में इस बार डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस बार कैंची धाम का 58वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। भंडारे और मेले के लिए पुलिस प्रशासन सहित मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी हैं। मेले के दिन मालपुओं का प्रसाद बांटा जाएगा जिसके लिए मंदिर में करीब 8 से 10 छोटे-बड़े गैस के भट्ठे लगाए गए हैं। इससे पहले तक लकड़ी के चूल्हों पर मालपुआ बनाए जाते थे। आज सुबह बाबा नीम करौली को भोग लगाने के बाद मालपुओं को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

कैंची धाम में बदल जाती है किस्मत

ऐसी मान्यता है कि कैंची धाम में किस्मत बदलने वाले बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कैंची धाम की लोकप्रियता तबसे बढ़ने लगी, जब फेसबुक कंपनी के सह संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि इस मन्दिर से उन्हें प्रेरणा मिली। इतना ही नहीं, इस मन्दिर से एप्पल के संस्थापक स्टीब जॉब्स भी अपनी तकदीर बनाने की बात कह चुके हैं। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स जैसी हस्तियां भी बाबा के भक्तों में शामिल हैं। ये लोग कैंची धाम आश्रम भी आ चुके हैं। वैसे तो कैंची धाम में हर साल देश भर के भक्तों का तांता तो लगता ही है मगर विदेशी श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का विशेष केंद्र है।

नीम करोली बाबा

हिंदू आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूजे जाने वाले बाबा नीम करोली हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे। उनको मानने वाले उन्हें हनुमान जी का ही अवतार मानते थे। उत्तराखंड में नीम करोली या नीब करौरी बाबा की गिनती 20वीं सदी के महान संतों में की जाती है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था। नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर दूर कैंची धाम आश्रम की स्थापना बाबा ने 1964 में की थी। 1961 में वे यहां पहली बार पहुंचे थे और अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ आश्रम बनाने का विचार किया था। केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बाबा के चमत्कारों की चर्चा होती है।

इस युग के दिव्य पुरुषों में से एक हैं बाबा

कहा जाता है कि बाबा नीम करोली को 17 वर्ष की आयु में ही ईश्वर के बारे में बहुत विशेष ज्ञान हो गया था। हनुमान जी को वे अपना गुरु और आराध्य मानते थे। बाबा ने अपने जीवन में करीब 108 हनुमान मंदिर बनवाए। मान्यता है कि बाबा नीम करोली को हनुमान जी की उपासना से अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। एकदम आम आदमी की तरह जीने वाले बाबा नीम करोली तो अपना पैर भी छूने नहीं देते थे। ऐसा करने वालों को वे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। उन्हें इस युग के दिव्य पुरुषों में से एक माना जाता है।

‘मिरेकल ऑफ लव‘ में बाबा के चमत्कारों का वर्णन

बाबा नीम करोली के इस पावन धाम को लेकर कई तरह के चमत्कारिक किस्से बताए जाते हैं। एक जनश्रुति ये है कि भंडारे के दौरान एक बार घी की कमी पड़ गई थी, तब बाबा के आदेश पर नीचे बह रही नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। प्रसाद के लिए जब इस्तेमाल किया गया तो जल घी में बदल चुका था।

एक और जनश्रुति है कि बाबा ने कड़ी धूप में अपने एक भक्त के लिए बादल की छतरी बनाकर उसे मंजिल तक पहुंचाया था। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने ‘मिरेकल ऑफ लव’ नाम से बाबा पर लिखी पुस्तक में उनके चमत्कारों का वर्णन किया है।ब्रिटिश शासन के दौरान किये गए उनके द्वारा एक चमत्कार का वाक्य है कि जब नीव करोली नामक स्थान पर उनकी रेल रुकी थी तब एक एंग्लो-इंडियन कंडक्टर ने उन्हें प्रथम श्रेणी के डिब्बे से निकाल दिया था।

यह भाग्यशाली बाबा के भक्त गिरीश तिवारी जहां कई वर्षों तक कैंची धाम में प्रथम बार आए थे कई वर्षों तक इसी आवास पर रहे थे और कैंची धाम की स्थापना इन्हीं की आवास में बैठकर मंदिर के निर्माण की स्थापना की देखरेख कर रहे थे भाग्यशाली बाबा के भक्तों से सीधी लाइव उसी की जवानी आपसे वाणी आप सुने अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ ने कौन से सीधी बातचीत की थी सीधी लाइव

इस कारण बिना किसी यांत्रिक खराबी के भी रेल 2 घंटे तक वहाँ से चल न सकी थी क्यूँकि रेल का इंजन तो चल रहा था पर पहिया नहीं। तब बाबा ने अधिकारियों को अपना टिकट दिखाया जिससे असहज हो उन्होंने तुरंत बाबा को पुनः रेल में चढ़ने का आग्रह किया। उनके चढ़ते ही रेल चल पड़ी तथा जिसे देख सभी आश्चर्यचकित हो गए थे। ऐसे ही सैकड़ों चमत्कार बाबा के हैं अब अगले साल आपसे मुलाकात होगी।

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