Big ब्रेकिंग :”कप्तान साहब” देखिए !काठगोदाम पुलिस कैसे फजीहत कर रही है अच्छे फॉर्मर्स की !! पुलिस को मरीज वाहन व शासन के मान्यता प्राप्त मीडिया की नजरों में कोई अहमियत नहीं@ 👉अपने चाहतों के लिए कैसे उल्लंघन हो रहा है खुलेआम@ एक”कांस्टेबल” अभद्र से भी पीछे नहीं है!! लाइव

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काठगोदाम नैनीताल कप्तान साहब आप दिन रात एक कर पर्यटन सीजन को बेहतरीन बनाने के लिए रात दिन एक कर रहे हैं वही आपके कुशल नेतृत्व का कैसे धज्जियां उड़ा रहे हैं और फजीहत काठगोदाम की पुलिस कर रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हम आपको बताते हैं काठगोदाम भीमताल मार्ग पर वन वे ट्रैफिक कर रखा है अधिकारियों ने यहां तक क्या रखा है यदि कोई बीमार मरीज अथवा मीडिया तथा पुलिस एंबुलेंस अगर कवरेज के लिए मीडिया जा रही है उसको जाने दिया जाए परंतु एक कांस्टेबल ने सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई मीडिया को अति आवश्यक कवरेज करने जाना था शासन से 35 वर्ष से लगातार मान्यता प्राप्त देने के बावजूद भी एक बहुत चर्चित पुलिस कर्मी ने नहीं जाने दिया और ना ही एक मरीज पहाड़ को जा रहा था उसको भी वहां जाने नहीं दिया और बाईपास एचएमटी वॉच की ओर से जाने को आदेश दिया गया, आई कार्ड तथा पूछे जाने पर अभद्र व्यवहार भी किया गया 1 घंटे के इंतजार में जहां से वन वे ट्रैफिक था हमको जाना पड़ा और जहां महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस थी वह छूट गई आश्चर्य चकित उस समय रह गए जब हमारा वाहन 1 घंटे बाद एचएमटी के मार्ग से कुछ बाईपास पहुंचा था की उस कांस्टेबल में अपने चाहतों को वहां से कई गाड़ियों को आने दिया गया जैसे ही हमारा मीडिया का वाहन एचएमटी के नीचे पहुंचा तो देखकर आश्चर्यचकित रह गया कि वहां से वाहन जो है कैसे आ रहे हैं तो वह हमसे पूछा गया उनका कहना था कि कांस्टेबल हमारे मिलने वाले हैं हमको छोड़ दिया गया आखिर दोहरा मापदंड क्यों बनाया जा रहा है दूसरा काठगोदाम स्टेशन से लेकर पूरे क्षेत्र में खुलेआम नैनीताल मार्ग पर गाड़ियां खड़ी करके लोग शराब पी रहे हैं उनका ध्यान नहीं है इसके अलावा बिना हेलमेट के 3:30 सवारियां बैठाकर बिना मास लगाए खुलेआम जा रहे हैं पर वसूली अभियान जोरों पर चल रही है जिससे मित्र पुलिस की छवि भी संदेह खराब हो रही है यह चर्चित कांस्टेबल काठगोदाम छवि धूमिल कर रहे हैं इससे नागरिकों में जबरदस्त रोष व्याप्त हैl गौरतलब बात यह है कि मीडिया हमेशा पुलिस का तालमेल बना रहता है और हमेशा पुलिस का सहयोग विगत तीन दशक से हम देते आ रहे हैं परंतु जब हमारे साथ ही ऐसा व्यवहार होगा अन्य जनता से क्या व्यवहार होगा एक सोचनीय प्रश्न है कप्तान साहब?

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