हल्द्वानी (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ )बहुत चर्चित बना ए पी एस स्कूल में मनमाने ढंग से ₹10000 बढ़ाए गए एनुअल फीस किसी भी कीमत पर देनी होगी तो बच्चों के रिपोर्ट कार्ड नहीं बनेंगे जबकि शिक्षा मंत्री का आदेश था कि स्कूल मनमानी फीस व अन्य पैसा ना बढ़ाया जाए बढ़ाया जाए परंतु इस स्कूल ने मंत्री जी के आदेश की धज्जियां उड़ा दी है। गौरतलब है कि विगत दिनों स्कूल बच्चों की फीस में भारी बढ़ोतरी के साथ-साथ बस का किराया के साथ-साथ ₹10000 एनिमल फीस की भी बढ़ोतरी का फरमान जारी कर दिया एक साथ भारी धनराशि बढ़ाए जाने से अभिभावक सन रह गए आखिर ऐसा कौन सा करिश्मा हुआ जो इतनी भारी बढ़ोतरी की गई; जबकि पूर्व में जो एडमिशन लिए गए थे अभिभावकों को बिल्कुल नहीं बताया गया था उन को अंधेरे में रखा गया था कि कुछ माह बाद भारी धनराशि बढ़ जाएगी इसके अलावा मेजरमेंट कार्यालय के बाहर बड़ा बोर्ड लगा रखा है एडमिशन फुल जबकि मजेदार बात यह है कि एक अभिभावक जब शिकायत करने गई आखिर एकदम यह धनराशि क्यों बढ़ा दी गई ;जिस पर एमडी तेवर भरे अंदाज में इस तरह आदेश दिया कि मानो उनके अभिभावक नहीं हो उनका नौकर हो और कहा यह बड़ी हुई तीनों हर कीमत पर देनी होंगी l जिस पर अभिभावक ने कहा एडमिशन के समय यह नहीं बताया गया था जबकि एडमिशन फीस उस समय ले ली थी अब इस तरह अंधेर गिरी क्यों हो रहा है? अभिभावक ने बताया कि उन्होंने मजबूरी में आकर बच्चे की फीस दी और उनसे यह लिखा दिया गया कि 10000 पर एनुअल फीस जुलाई के अंतिम सप्ताह तक हर कीमत पर जमा करनी होगी; इसी दौरान मजेदार बात हो गई और मेजरमेंट
उधर कई अभिभावकों ने देवभूमि माया न्यूज़ पोर्टल चैनल से बातचीत में बताया कि जिसके दो या तीन बच्चे हैं इतनी मोटी धनराशि कैसे देंगे इतनी मोटी धनराशि कैसे देंगे जबकि जूनियर बच्चे की 10,000 हैं और उससे ऊपर के और बाहर बढ़ते हुए क्लास के ज्यादा एनुअल फीस चार्ज ले रहे हैं जबकि पूर्व में मैं एडमिशन फीस दे चुके हैं उस दौरान यह चीजें नहीं बताई गई थी जब जब बच्चे का एडमिशन हो चुका था उसके कॉपी किताबें ड्रेस ले ली गई थी उसके बाद मार्च के लिस्ट में स्कूल प्रशासन ने फरमान जारी कर दिया आश्चर्यचकित की बात यह थी की बढ़ी हुई फीस अभी वह आप जैसे तैसे दे रहे हैं परंतु एनुअल फीस पहले देने को कहा गया है उसके बाद ही मासिक फीस जमा करेंगे अभिभावकों का कहना था विगत दिनों शिक्षा मंत्री उत्तराखंड ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कोई भी स्कूल एनुअल फीस या मासिक फीस नहीं बढ़ाएगा परंतु इन्होंने एकमुश्त बस मासिक तथा एनुअल फीस बढ़ा दी है अभिभावक ने कहा है कि यदि हम पूरा स्कूल को ही दे देंगे तो रात को क्या बच्चे भूखे सोएंगे? एडमिशन के समय बता दिया गया होता तो हम किसी भी कीमत पर एडमिशन नहीं लेते? अन्य बाकी स्कूल भी इससे अछूते नहीं हैं परंतु इसने तो सभी स्कूलों का रिकॉर्ड तोड़ दिया एक साथ भारी रकम बढ़ा दी है जबकि इस तरह मेट्रो बोलो सिटी में भी नहीं होता है l जागरूक अभिभावकों का कहना था कि यह एक राज्य के विलेज एरिया मैं स्कूल स्थित है ,जबकि यह मेट्रो सिटी नहीं है मेट्रो सिटी में क्लास जो दो से ही बच्चे इंग्लिश स्पीक करने लग जाते हैं l जबकि यहां क्लास 5 तक भी बच्चे अच्छी इंग्लिश नहीं बोल पा रहे हैं? जिसके अभिभावक पढ़े लिखे हैं तो बच्चे बोल पा रहे हैं जिनके अभिभावक पढ़े लिखे नहीं हैं उनके बच्चे अंग्रेजी स्पीक नहीं कर पा रहे हैं जबकि स्कूल की जिम्मेदारी होती है कि इतनी मोटी फीस लेते हैं तो बच्चों को पूरी शिक्षा दी जानी चाहिए चाहिए चाहिए यदि बच्चों को पूरी शिक्षा दी होती सब हकों को ट्यूशन में बच्चों को ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती बच्चों के होमवर्क भी अभिभावकों पर लोड कर दिया जाता है l गौरतलब है कि स्कूल प्रशासन ने बच्चों के साथ एक दुकानदारसे एग्रीमेंट कर रखा था इतना महंगा ड्रेस खरीदने के बाद ही कुछ दिनों में ड्रेस के कलर उतरना शुरू हो गए थे जिससे स्कूल में whatsapp जारी कर अभिभावकों से कहा था कि कहा था कि थी दुकान से जागकर निशुल्क ड्रेस बदल ले आखिर इसका नुकसान की भरपाई कौन करेगा आना जाना और अपने काम धंधा को छोड़कर फिर बच्चों के ड्रेस को बदलना इससे स्कूल व दुकानदार की मिलीभगत स्पष्ट रूप मिलीभगत का विभागों ने आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर अभिभावक संघ के संयोजक हल्द्वानी पंडित मदन मोहन जोशी ने विगत दिनों शिक्षा मंत्री से मिलकर स्कूलों पर हो रही मनमानी फीस पर फीस एक्ट लगाने की मांग की थी और एक ज्ञापन दिया था जिस पर मंत्री जी ने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही फीस एक्ट लागू किया जाएगा । श्री जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिस तरह से स्कूल द्वारा मनमानी फीस बढ़ाई जा रही है इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि कुछ माह पूर्व ही जबर मिशन फीस ले ली थी तो आखिर इतनी भारी धनराशि क्यों बढ़ाई गई इससे लगता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत है। बढ़ी हुई फीस को हर कीमत पर वापस करवाएंगे और इसके लिए व्यापक आंदोलन भी करना पड़ेगा पीछे नहीं हटेंगे। लोक डॉन के दौरान कईयों की नौकरी है जा चुकी है और कईयों को व्यापार चौपट हो चुके हैं अभी लोग धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे थे कि स्कूल में मेजरमेंट द्वारा इतनी भारी धनराशि बढ़ा देना निंदनीय है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने क्या कहा.. अगले अंक में…….(##जारी)