लाल कुआं( नैनीताल )जब अधिकारी ही कार्यालय से नदारद होंगे तो बाबुओं की बल्ले-बल्ले हो ना तो स्वभाविक है ,परंतु आज तो सभी सीमाओं को पार कर दिए कार्यालय में जादूगर आ गया फिर क्या था सबने काम का छोड़कर जादू देखने में मगन हो गए, उधर बेचारी जनता कार्यालय में बैठी टिकटिकी लगाएं बाबू को देख रही थी जब जादूगर का खेला खत्म हो, उनका काम हो सके परंतु यह क्या? यहां तो अधिकारी भी नदारद हैं , कर्मचारियों को लापरवाही होना तो स्वाभाविक है कई बाबू का यहां का कहना है अब तो हमारे दाजू बन गए हैं अब हमारा कुछ नहीं होने वाला? जनता हर तरफ त्रस्त है बिजली की अघोषित कटौती, पेयजल की हाहाकार और कार्यालय में बाबू की मौज मस्ती जनता को कोस रही है चुनाव में कैसे-कैसे वादे किए थे अब यह देखने को मिल रहा है? इस गर्मी में कई चक्कर लगाने के बाद भी कार्यालय की कुर्सियां खाली रहती हैं आश्चर्यचकित बात यह है कर्मचारियों को अधिकारियों का डर बिल्कुल नहीं है क्योंकि जब वह खुद ही कार्यालय में नहीं आते हैं ,तो स्वतंत्र होना स्वाभाविक है आज तो खुद चलकर जादूगर आए हैं, कहां हजारों रुपए खर्च कर नुमाइश मै जाकर हजारों रुपए खर्च करके जादू देखते थे, आज जादूगर महाशय खुद हमारे दरबार में आए हैं इससे और बड़ी बात क्या होगी सब कर्मचारी हर्षोल्लास के साथ जादू का तमाशा में मशगूल हो गए? आपको हम जीती जागती तस्वीर ऊपर दिखा रहे हैं तो वास्तविक रूप से बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, इतनी मोटी तनख्वाह कर्मचारी लोग लेते हैं उसके बावजूद भी इस तरह जनता के साथ व्यवहार करते हैं यह आपको हम आज विशेष दिखा रहे हैं अब देखना यह होगा कि डीएम साहब जो कि बहुत ही कड़क ईमानदार अधिकारी हैं इस पर वह क्या कार्रवाई करते हैं? या फिर मामला टाय टाय फिश हो जाता है ! हमारा दायित्व है शीशे की तरह लापरवाही भ्रष्टाचार को उजागर करना आगे शासन और प्रशासन जाने क्या कार्रवाई करनी है ? ….
हम तो अपना दायित्व निभा रहे हैं हम अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं इसको इंतजार में रहेगा एक और मजेदार बात बताते हैं विगत दिनों सीडीओ कार्यालय में छापा मारा मजेदार बात यह थी कि कार्यालय में ताले लगे थे, ..
अधिकारी बाबू नौ दो ग्यारह हो चुके थे अपने आवास के लिए? I ÷अजय अनेजा की रिपोर्ट:=