उधम सिंह नगर (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ) आज आधुनिक हाईटेक साइंटिस्ट वैज्ञानिक के जमाने में भी आज भी पुराने जमाने से चला रहा वैद्य द्वारा किए गए इलाज मैं लोग आज भी विश्वास करते हैं वैध जी का दावा है कि एम्स सहित बड़े-बड़े हॉस्पिटल जब मरीजों को जवाब दे देते हैं तो उन्होंने सैकड़ों मरीजों को ठीक किया है जब हमें जानकारी मिली तो हमारी टीम उधम सिंह नगर जनपद तहसील गदरपुर गांव गोपाल नगर राजकुमार हंस दत्ता की आवास पर ग्राउंड जीरो पर पहुंची, मरीजों की जबरदस्त भीड़ थी भीड़ में से कुछ समय वार्ता के लिए आग्रह किया गया उनसे जानने का प्रयास किया गया की एक फार्मर और किसान है कैसे आप वैध बने और चमत्कार कर रहे हैं जानकारी का प्रयास कियाl उन्होंने रोचक व दिलचस्प गाथा बताइए की जब वह छोटा था हमारे सामने एक किसान खेत में बुराई कर रहा था तभी एक फकीर पानीपत निवासी हरियाणा निवासी विद्यावती एक बुजुर्ग महिला किसान से पानी मांगा और कहा बेटा तू दुखी क्यों है ?उसने बताया माताजी मेरी औलाद नहीं हो रही है उन्होंने थैले से एक अमरूद निकाला और कहा बेटा इसको खिला देना औलाद हो जाएगी, और मैं अभी किस गांव में कुछ समय तक रहूंगी उसके बाद चली गई आश्चर्य की बात यह थी कि 1 साल के भीतर उस की औलाद हो गई, उसके सामने किसान तो फकीर वृद्धा महिला को ढूंढ कर अपनी जमीन उनको दे दी और उसी झोपड़ी में फकीर रहने लगी कई बार ऐसे करिश्मे हुए बाहर मरीज रो-रोकर तड़प रहा है मुझसे कहा बेटा झोपड़ी में ऊपर एक हरी डिब्बी है उसको ले आओ और उनसे को पानी में घोलकर पी जाए आश्चर्यचकित का ठिकाना नहीं था कि जो मरीज तड़प रहा था वह ठीक-ठाक होकर चल दिया ऐसे ही सैकड़ों करिश्मा किए गए lतब से मेरी अंतरात्मा ने फकीर मां के साथ जोड़ने का निर्णय लिया कई बरस तक में उनके साथ रहा और अंतिम समय में उन्होंने मुझे जड़ी बूटियां व अन्य चीजों का ज्ञान दिया उन्होंने एक सवाल के जवाब में इनकार किया कि सरकार की ओर से उनको कोई भी मदद नहीं चाहिए उनको तो केवल मां फकीर की मदद ही काफी है वह मां के नाम पर भव्य मंदिर का निर्माण किया है और उसका नाम फकीर विद्यावती रखा है वह किसी मरीज से पैसा नहीं लेते हैं जो भी मरीज ठीक हो जाता है अपनी स्वच्छता से जो पैसा दे देता है उसका मैं मंदिर निर्माण कर रहा हूं और हर साल 24 दिसंबर को भव्य भंडारा करते हैं उनका कहना था कि मेरे दो पुत्र हैं दोनों अकाउंटेंट है वे उत्तराधिकारी नहीं बनना चाहते हैं मेरे बगल में एक गरीब परिवार की एक बच्ची है वह कई वर्षों से मेरे साथ हाथ बटवा रही है अगर वह चाहेगी वही मेरी आने वाले समय में उत्तराधिकारी होगी उन्होंने कहा कि माता जी के आशीर्वाद से जो मरीज बड़े-बड़े हॉस्पिटलों डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर देते हैं उसकी मां की कृपा से मरीज ठीक होकर जाता है उन्होंने कहा कि वह साल में कई जगह फ्री कैंप लगाते हैं और सैकड़ों को निशुoल्क इलाज करते हैंl मेरी अंतिम इच्छा है कि मैं अधिक से अधिक मरीजों को ठीक कर दूंl उनके परिवारों में खुशी की लहर दौड़ती रहेl है कि पूरे क्षेत्र में हकीम राजकुमार हंस “दत्ता” के नाम से विख्यात है और राज्य के कई होने से दूर दूर से मरीज यहां पर आते हैं उनका दावा है कि जो भी मरीज आता है माता जी की कृपा से ठीक होकर जाता हैl कैमरामैन:-: अजय अनेजा