बिग ब्रेकिंग हल्द्वानी: कौन कहता है “मित्र पुलिस” मित्रता नहीं निभाती? ..आखिर इतनी देर तक पुलिस होटल में करती क्या रही! “दाल में कुछ काला” है@ … या पूरी पूरी दाल ……### “जिसकी लाठी उसकी भैंस” @ (मीडिया👁👁👁👁👁👁) से नहीं बच पाओगे !!!

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हल्द्वानी (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ)l कौन कहता है कि “मित्र पुलिस “मित्रता नहीं निभाती है आज सिद्ध कर ही दिया सत्ता पक्ष के आगे नमन है हल्द्वानी में यह कहावत चरितार्थ हो गई। एक कहावत स्टिक बैठ रही है “जिसकी लाठी उसकी भैंस” कहने का मतलब यह है जिसकी सत्ता की हनक है उसी को नमन है इसका प्रमाण आज देखने को मिला हैl सट्टा और जुए की सूचना पर केमू स्टेशन के पास एक होटल में दबिश देने गई पुलिस ने सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ध्यान देने की बात यह है कि जब होटल के अंदर कुछ था ही नहीं तो पूरी से इतनी देर तक क्या करती रहे रणनीति बनाती रही, की होटल से बाहर आकर मीडिया को क्या जवाब देंगे जो कड़क की धूप में दोपहर में प्रतीक्षा कर रहे हैंl विवरण के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि केमो स्टेशन के पास एक होटल में जुए और सट्टे की सूचना पर बनभूलपुरा और सिटी पेट्रोलिंग की टीम पहुंची। करीब आधे घंटे तक बनभूलपुरा एसओ और एसओजी की टीम होटल के अंदर बंद कमरे में जांच करते रहे। इस दौरान होटल के भीतर मीडिया कर्मियों के आने पर कड़ी पाबंदी लगा दी गई। बहुत बड़ा रॉकेट पकड़ने जा रहे हैं होटल के सामने की दुकानों के बाहर लोगों की एक टक निगाहें पुलिस और आरोपियों पर टिकी रही। मीडिया कर्मी इंतजार रहे कि आज पुलिस बहुत बड़ा खुलासा करेगी कई सफेदपोश बेनकाब होंगे? ? करीब आधे घंटे बाद बनभूलपुरा एसओ नीरज भाकुनी हंसते हुए होटल से बाहर निकले और दूसरी तरफ सत्ता पक्ष से जुड़े लोग होटल के पीछे के दरवाजे से बाहर निकल गए। एसओ नीरज भाकुनी के हाव-भाव और शैली से ऐसा लगा मानो पुलिस होटल में महज समय बिताने गई थी और होटल में सट्टा, जुए जैसी कोई गतिविधि नहीं चल रही थी। अगर नहीं चल रही थी तो इतनी देर क्या कर रहे रणनीति बना रहे थे कि तरफ सत्ता पक्ष से जुड़े लोग होटल के पीछे के दरवाजे से बाहर निकलने का मौका दिया गयाl वही मजेदार बात लिखी थी भाग रहे दोनों को मीडिया के कैमरे से नहीं बच सके और कैमरे में कैद कर लियाl इधर शहर में जो पर चर्चा की थी कि होटल में लंबे समय से सट्टे का संचालन किया जा रहा है। लेकिन पुलिस ने सत्ता पक्ष के दबाव में आरोपियों को बचाने का काम किया है।

ल चर्चाओं का बाजार गर्म था कि पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपने ट्रांसफर के भय के चलते सत्ता पक्ष के दबाव में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की है। बहरहाल पुलिस और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से जुड़ा यह मामला आम जन और सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना रहाl

ध्यान देने की बात यह है कि कि होटल में सट्टा और जुए की जानकारी पूरे शहर को हो गई, लेकिन सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धोनी ने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताने में जरा भी देर नहीं लगाई। इस मामले से हाथ जोड़ लियाऐसे में कार्रवाई की बात तो कोसों दूर थी।

मित्र पुलिस की कार्यशैली आज पूरे शहर में चर्चा का केंद्र बनी रही। आरोप लगे कि पुलिस ने सत्ता पक्ष के दबाव में सबकुछ देखते हुए भी कुछ नहीं देखा। होटल में लाव लस्कर के साथ पुलिस ने इंट्री जरुर मारी लेकिन कुछ घंटों की मंत्रणा के बाद पुलिस आगे के गेट से और सत्ता के खिलाड़ी पीछे के गेट से निकल गए। मामले में एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने दबिश थी। लेकिन, वहां सट्टे जैसा कुछ नहीं मिला। जानकारों का कहना है …

एक कुर्ता पजामा के ऊपर जैकेट पहने नेताजी जैसे दिखाई दे रहे

यदि कुछ नहीं मिला पुलिस इतनी देर तक होटल के अंदर क्या करती रही? …….

एक कहावत स्टिक बैठ रही है “जिसकी लाठी उसकी भैंस” कहने का मतलब यह है जिसकी सत्ता की हनक है उसी को नमन है इसका प्रमाण आज देखने को मिला हैl

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