बिग ब्रेकिंग देहरादून:डॉ निधि उनियाल एवं स्वास्थ्य सचिव प्रकरण : नया मोड़! सीएम ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश; तत्काल प्रभाव से डॉ निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने के दिए निर्देश! मामले की जांच हेतु कमेटी बनाने के निर्देश@

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देहरादून ,(अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ ) l निधि उनियाल एवं स्वास्थ्य सचिव प्रकरण में नया मोड़ आ गया है आज सीएम ने मुख्य सचिव को दिए nirjesh Diya की, तत्काल प्रभाव से डॉ निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने के दिए निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने के आदेश दिए गए हैंl गौरतलब है कि इस मामले को लेकर आज स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने मुख्यमंत्री के आवास जाकर उन्हें पूरे मामले से अवगत करवाया था जिस पर सीएम ने कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण स्थगित करने के आदेश दिए गए हैं और जांच के लिए एक कमेटी गठित की है। स्मरणीय है कि विगत दिनों

देहरादून में राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात महिला चिकित्सक से सचिव की पत्नी नाराज हो गई और इस्तीफा दे दिया ।अधिकारियों के परिवार वालों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए सरकारी डॉक्टरों को उनके घर भेजा जाता है। इसमें भी सचिव की पत्नी चिकित्सक से नाराज क्या हुई कि उसका एक घंटे के भीतर ही तबादला कर दिया गया।

साथ ही महिला चिकित्सक पर माफी मांगने के लिए दबाव बनाया गया। महिला चिकित्सक ने माफी मांगने की बजाय अपने स्वाभिमान को कायम रखा और नौकरी से ही त्यागपत्र दे दिया था।
हैरान करने वाला मामला गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज से आरंभ होती है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निधि उनियाल को दोपहर के समय आदेश देते हैं कि वह आइएएस डॉ. पंकज पांडे के घर जाएं और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण करें।

इस पर डॉ. निधि उनियाल का स्वाभिमान जागा और पहले तो उन्होंने किसी अधिकारी के घर जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी है। ऐसे में मरीजों को छोड़कर क्या किसी के घर जाना उचित है। विरोध करने के बाद भी जबरन डॉ. निधि उनियाल को सचिव के घर भेज दिया गया। साथ ही अस्पताल का स्टॉप में एक नर्स और वाहन चालक भी था।सूत्रों के मुताबिक वहां पहुंचने पर पता चला कि नर्स कुछ यंत्र साथ लेकर नहीं गई। इस पर सचिव की पत्नी ने सभी को डांटने आरंभ कर दिया। डॉ. निधि उनियाल ने इसका विरोध किया और वह वापस अस्पताल चली आई। आरोप है कि महिला चिकित्सक को नौकरी करना भूलाने की धमकी तक दी गई। बताया गया कि इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. निधि उनियाल को सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने इस पर मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी गलती है कि नहीं तो मैं किस बात पर माफी मांगू।इस घटना के कुछ ही घंटों के बाद शासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया। ये आदेश सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में वर्तमान शैक्षणिक संघ में एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने के संबंध में एनएमसी से प्राप्त एलओपी के क्रम में मेडिकल कॉलेज व बेस चिकित्सालय के सुचारु संचालन के लिए डॉ. निधि उनियाल का देहरादून से राज्यहित में सोबन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में संबद्ध किया जाता हैडॉ. निधि उनियाल देहरादून के वसंत विहार क्षेत्र में रहती हैं। उनके पति हिमांशु बडोनी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट देख रहे हैं। इस तबादला आदेश आने के साथ ही डॉ. निधि उनियाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसकी पुष्टि

उनके पति हिमांशु बडोनी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट देख रहे हैं। इस तबादला आदेश आने के साथ ही डॉ. निधि उनियाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसकी पुष्टि उनके पति ने भी की। वहीं, उत्तराखंड पूर्व सैनिक अर्द्ध सैनिक सयुंक्त संगठन के महासचिव पीसी थपलियाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य में अंग्रेजों से भी बदतर आइएएस अधिकारी का व्यवहार देखने को मिला है। इसे अहंकार का परिचय नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री को भी सूचित किया गया है। मामले को तूल पकड़ता देख स्वास्थ्य मंत्री आज मुख्यमंत्री के आवास पर गए उन्हें इस ‌प्रकरण के मामले के बारे में अवगत करवाया जिस पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश दिए और जांच कमेटी के भी आदेश दिए गए हैं अब देखना यह होगा जांच कमेटी क्या रिपोर्ट देती है। बरहाल नौकरशाही उत्तराखंड में कितनी हावी है इसका एक छोटा सा नमूना देखने को मिला है यह तो वीआईपी प्रकरण था मामला जोर शोर से मीडिया में उठा तो तत्काल कार्रवाई हो गई ;यदि अन्य किसी का मामला होता टाय टाय फिश हो जाता ?

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