ब्रेकिंग लाल कुआं: स्टोन क्रेशर मालिकों खिलाफ दूसरे दिन भी वाहन स्वामियों का धरना प्रदर्शन जारी! आए दिन विवाद के चलते कारोबार हो रहा है चौपट@

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लालकुआं।( विशेष संवाददाता वाहन स्वामियों ने एक बार फिर क्रेशर मालिकों के खिलाफ मोर्चा खोल दी है उनका कहना है कि भाड़ा कम दे रहे हैं उसके विरोध में आज धरना व प्रदर्शन किया जा रहा हैl विवरण के मुताबिक बरेली रोड में स्थित एक स्टोन क्रेशर के संचालकों के खिलाफ क्रेशर में चलने वाले वाहन स्वामियों ने भाड़ा कम देने का आरोप लगाते हुए जहां दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा, वहीं उक्त स्टोन क्रेशर की बिक्री भी रोक दी, आज भी प्रातः से दोपहर बाद तक तक खनन व्यवसाई क्रेशर के समक्ष धरना देकर बैठे थे।
यहां बरेली रोड स्थित बालाजी स्टोन क्रशर में वाहन स्वामियो ने स्टोन क्रशर स्वामियों पर शोषण करने का आरोप लगाते हुवे दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। व्यवसायियों का कहना है कि अगल-बगल के स्टोन क्रेशर वाले जो रेट दे रहे हैं उससे बालाजी स्टोन क्रेशर 2 रुपए कम भाड़ा दे रहा हैं, जिसके चलते वाहन स्वामियों में आक्रोश व्याप्त हो गया, इसी को लेकर उन्होंने अपनी गाड़ियां स्टोन क्रशर के गेट के सामने खड़ी कर दी, जिससे स्टोन क्रशर की सेल और परचेज दोनों बंद हो गई। कल से आज दोपहर तक स्टोन क्रेशर स्वामी की वाहन स्वामियों से वार्ता नहीं हो पाई जबकि वाहन स्वामी मुख्य द्वार के समक्ष धरने पर बैठे रहे। धरना देने वालों में ग्राम प्रधान रमेश चंद्र जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता कीर्ति पाठक, प्रवीण दानू, जगदीश बचखेती, जीवन बोरा, गणेश बिरखानी, महिपाल भौर्याल, संजय शर्मा, मनोज बिष्ट, सोनू भट्ट, प्रकाश सुनाल, प्रवीण दानू, अंकुर बिष्ट, गिरजेश, मुन्ना, योगेश कबड़वाल, ललित ढौंडियाल, राजू जोशी, लक्ष्मण पांडे, जीवन बिरखानी, मनोज थुवाल सहित सैकड़ों वाहन स्वामी मौजूद रहे। इधर स्टोन क्रेशर स्वामी कुलवंत नागपाल ने बताया कि वर्तमान में स्टोन क्रेशर स्वामियों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है वह वर्तमान में जो भाड़ा दे रहे हैं उससे अधिक किसी भी हालत में नहीं दे सकते हैं परंतु वाहन स्वामी क्रेशर संचालकों की बात समझने को तैयार ही नहीं है उन्होंने वाहन स्वामियों से सहयोग करने की अपील की । बरहाल दोनों के विवाद में माल ढुलाई दूसरे दिन भी बंद हैl गौरतलब है कि आए दिन स्टोन स्वामियों व वाहन स्वामी के बीच विवाद होते रहते हैं जिससे कारोबार प्रभावित होता रहता हैl कुमाऊं की एकमात्र लाइफ लाइन इस व्यापार को कहा जाता है पंचू कुछ वर्षों से यह कारोबार विवाद के चलते आर्थिक तंगी में गुजर रहा हैl

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