देहरादून (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ)l भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने 19 मार्च को विधायक दल की बैठक बुलाई है उसमें नए नेता का चुनाव होगा 20 को शपथ ग्रहण होने की संभावना है मात्र 48 घंटे बचे हैं क्या खटीमा की हार का खामियाजा कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भुगतना पड़ेगा या फिर इन्हें पुनः हाई कमान मुख्यमंत्री बनाएगा मात्र 48 घंटे के पश्चात राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा, हालांकि पुष्कर सिंह धामी अपने क्षेत्र खटीमा आवास में आ चुके हैं और होली मिलन के अवसर पर लोगों से मिल रहे हैं भाजपा के सूत्रों के मुताबिक नए मुख्यमंत्री का चयन लगभग तय हो चुका है औपचारिकता होना बाकी है हालांकि इस दौड़ में रितु खंडूरी धन सिंह मदन कौशिक अनिल बलूनी रमेश पोखरियाल अजय भट्ट इत्यादि सीएम की लाइन में है अब देखना यह होगा हाई कमान इस पर मुहर लगाता है या इन सभी के नामों को दरकिनार करते हुए चौंकाने वाला नया युवा विधायक राज्य को मिलता है होली का रंग वास्तविक रुप से कौन मनाएगा हालांकि हमारे विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक अनिल बलूनी या पुष्कर धामी में से कोई भी बन सकता है? बरहाल यह तो 19 मार्च को ही स्थिति स्पष्ट होगी यह हाई हाईकमान किस पर विश्वास करता है पूरे उत्तराखंड वासी सहित भारत की निगाहें लगी हुई है
धामी और बलूनी के बीच सिमटा दिख रहा मुकाबला
कई विधायक भी कर रहे हैं खुद के लिए लाबइंग
त्रिवेंद्र जगा चुके भाजपा अध्यक्ष कौशिक के अरमान
प्रेम अग्रवाल ने खुलकर पेश कर दी अपनी दावेदारी
धन सिंह भी संघ के माध्यम के कुर्सी की जुगत में
सतपाल महाराज भी कर रहे खास मौके का इंतजार
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम भी है चर्चा में
नतीजा आने के सात दिन बाद भी नए मुख्यमंत्री की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। कई विधायक दावेदारी कर रहे हैं तो एक केंद्रीय मंत्री का नाम भी चर्चा में है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि इस बार भी किसी गैर विधायक के सिर ही ताज सज सकता है। ऐसे में कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी और रास सांसद अनिल बलूनी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
भाजपा ने इस बार पुष्कर का चेहरा आगे करके चुनाव लड़ा। लेकिन नतीजा आया तो भाजपा को सत्ता हाथ लगी। लेकिन धामी खुद खटीमा से अपना चुनाव हार गए। उनके उधम सिंह नगर जनपद के नानकमत्ता, किच्छा, बाजपुर ,तथा जसपुर में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ाl विधायकों की बात करें तो धन सिंह रावत, सतपाल महाराज और मदन कौशिक का नाम चल रहा है। विधायक प्रेम अग्रवाल ने तो खुद ही अपनी दावेदारी कर दी है। इसी तरह से सांसदों में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और अनिल बलूनी का नाम भी तेजी से चल रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान ने सभी हालात पर मंथन कर लिया है। किसी लोकसभा सांसद को यह पद देने पर भाजपा को एक लोकसभा और एक विधानसभा का चुनाव लड़ना होगा। सूत्रों का कहना है कि अगर बलूनी को सीएम बनाया जाता है तो भाजपा को कोई भी दिक्कत नहीं होने वाली। विस में भाजपा बहुमत में हैं और कोई भी नेता आसानी से बलूनी की जगह राज्यसभा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि यह बात लगभग तय है कि इस बार भी किसी गैर विधायक को ही सीएम बनाया जाएगा। ऐसे में सांसद बलूनी और कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी के बीच ही मुकाबला सिमटा दिख रहा है।
बहरहाल, भाजपा फाइनली क्या निर्णय लेती है मात्र 48 घंटे बाद ही साफ हो होगा। रोचक बात यह है कि भाजपा के बड़े नेता तथा ब्यूरोक्रेट समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकारों के संपर्क में है और उनसे जानकारी ले रहे हैं कौन बनेगा सीएम, मजे की बात यह है कि इस बार पत्रकारों को भी भनक नहीं लग रही है कौन बनेगा सीएम ? जितने भी उनके संपर्क थे पूरे घोड़े खोल रखे हैं, परंतु इस बार नए नेता का चयन इतना गोपनीय है उनके भी parantu कुछ बताने में असमर्थ है l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, के अलावा किसी को भनक तक नहीं है कौन बनेगा अगला मुखिया?
परंतु कयास जरूर लगाए जा रहे हैं l एक और मजेदार बात यह है जो हमारे विश्वसनीय सूत्रधार हैं वहीं मुख्यमंत्री की दौड़ में रात दिन एक किए हुए हैं वह बेचारे दूसरे का क्या बताएं जब खुद का ही कुछ अंदाजा नहीं आ रहा हैl इस राजनीतिक सीएम की मैराथन दौड़ में कौन प्रथम आएगा यह सब से पिछड़ जाएंगे? दिल के अरमा आंसुओं में बह जाएगाl