(अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ )l आज के इस युग में हम लोग केवल रामलीला के मंचन पर राम लक्ष्मण को देखते हैं और उनके त्याग की उनके कहानी सुनते हैं, परंतु वर्तमान में हकीकत तो पर भाई भाइयों में जमीनी विवाद सहित कई मामलों में एक दूसरे के खून के प्यासे बने रहते हैं और कई बार तो भाई ने भाई की हत्या भी अक्सर सुनने को मिलती हैl आज हम आपको जो वास्तविक राम लक्ष्मण की सत्य कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आप सतयुग राम लक्ष्मण की कहानी याद आ जाएगीl ऐसे समय में रूपक त्यागी समाज, देश और विश्व के लिए हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है विवरण के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बागपत के गांव के निवासी दो भाइयों की गाथा है एक भाई दिल्ली की सर गंगाराम हॉस्पिटल के डाक्टरों से रूपक त्यागी का बड़ा भाई सोमनाथ अस्पताल में मरणासन भर्ती था उसको किडनी की आवश्यकता थीl
भारतीय इतिहास में भरत-लक्ष्मण का श्रीराम जी के प्रति भाई प्रेम जग विख्यात है, लेकिन हमारे देश में अनेकों ऐसे भी उदाहरण है जो भरत-लक्ष्मण के भाई प्रेम से श्रेष्ठ माने जाते है। इसी क्रम में बागपत के बड़ा गांव निवासी रूपक त्यागी का नाम प्रमुखता से सामने आता है, जिन्होने महज 28 वर्ष की छोटी सी उम्र में अपने मरणासन स्थिति में पहुॅंच चुके भाई सोमपाल उर्फ नितिन को अपनी किडनी देकर उनके जीवन की रक्षा की। किड़नी डोनेट करने से पहले जब डाक्टरों ने रूपक त्यागी को बताया कि किड़नी डोनेट करने के दौरान और उसके बाद रूपक के जीवन को भी खतरा हो सकता है, तब रूपक त्यागी ने डाक्टरों से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा था कि आप सिर्फ भाई को बचाये एक की जगह दोनों किड़नी भी भाई को लग जायें तो भी कोई फर्क नही, बस भाई जीवित रहना चाहिये, मेरे जीवन के बारे में चिंता ना करे। भाई के प्रति भाई के प्रेम, त्याग और आदर भावना का बागपत के रूपक त्यागी एक आदर्श उदाहरण है। रूपक त्यागी जैसे भाई इस संसार में मिलने बड़े दुर्लभ है। ग्रामवासियों के मुताबिक कि घर ही बच्चों की प्रथम पाठशाला होती है। रूपक के पिता तपेश्वर त्यागी पेशे से शिक्षक है। परिवार बड़ा ही धार्मिक है और समाजसेवी कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ग्रामवासियों ने कहा कि जो संस्कार रूपक त्यागी को उनके परिजनो ने दिये है, वह काबिले तारीफ है। कहा कि आज के समय में जहॉ भाई-भाई के बीच जमीन-जायदाद को हड़पने को लेकर खून-खराबे हो रहे है, ऐसे समय में रूपक त्यागी समाज, देश और विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। बरहाल आज जो एक भाई ने मिसाल कायम की है हम उसको सलूट करते हैं छोटे भाई के प्रयास से बड़े भाई की जान बच गई, और एक नया जीवनदान मिल गयाl आज भी इस कलयुग में भी सतयुग के राम लक्ष्मण हकीकत में भी जिंदा है? इस भाइयों से हम सभी को प्रेरणा लेना चाहिएl