Big breaking देहरादून:4 जनवरी को हुई रैली से लौटे अरविंद केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं ;मंच पर बिना मास्क के कईयों के संपर्क में थे; केजरीवाल ने ट्विटर हैंडल से करो ना संक्रमित होने की सूचना दी; उन्होंने संपर्क में आने वाले नेताओं से भी अपील की वह खुद को आइसोलेट अवश्य करें करो ना की जांच कराएं: इसको हल्के में न लें कोरोनावायरस का पूरा पालन करें! आश्चर्य की बात यह थी बिना मास्क लगाए दिल्ली से देहरादून पहुंचे थे; सभा को भी संबोधित किया था@

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उत्तराखंड:( विशेष संवाददाता) सोमवार को को दिल्ली से देहरादून की रैली में पहुंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनसभा को संबोधित किया था और मंच पर उनके साथ लगभग सभी बिना मास्क के थे, इस दौरान बड़ी संख्या में उत्तराखंड आप पार्टी के नेता उनके संपर्क में आए थे ।रैली के बाद उत्तराखंड से वापस लौटते ही अरविंद केजरीवाल कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसकी जानकारी स्वयं अरविंद केजरीवाल ने आज ट्वीट कर के दी हैं कि मैंने अपना कोरोना टैस्ट करवाया हैं और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं जिस कारण मैंने घर में खुद को आइसोलेट कर लिया है। जो लोग पिछले कुछ दिनों में मुझसे संपर्क में आए, कृपया खुद को अलग कर लें और अपना कोरोना टैस्ट करवाए। मुख्यमंत्री के करो नापॉजिटिव की सूचना मिलते ही नेताओं में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि ध्यान देने की बात यह है कि

अरविंद केजरीवाल की देहरादून में हुई इस जनसभा के दौरान स्टेज पर मौजूद सभी नेताओं को कॉविड19 टेस्ट करानी होगी। क्योंकि स्टेज पर मौजूद अरविंद केजरीवाल ना तो मास्क पहने हुए थे और ना ही स्टेज पर कोई सोशल डिस्टेंस पालन किया गया था। जमकर नियम की धज्जियां उड़ी निसंदेह बिना मास्क स्टेज पर बैठे अरविंद केजरीवाल जिस-जिस के संपर्क में आए हो और वह भी संक्रमित हो गया हो ।
महत्वपूर्ण बात यह है कि

जब केजरीवाल उत्तराखंड आ रहे थे तो क्या उससे पहले उन्होंने अपना कोरोना वायरस टैस्ट कराया था क्योंकि उत्तराखंड में एंट्री के लिए टैस्ट आवश्यक है क्या यह केवल आम जनता के लिए नियम है है,क्यों नही प्रशासन द्वारा उत्तराखंड आने वाले नेताओं की कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट मांगी जाती हैं।
इसमें कहीं प्रशासन की भी चूक हुई वही लगातार विभिन्न पार्टियों के नेताओं की चल रही सभा विजय रैली
सभा व जनसंपर्क रैली कहीं करो ना
बम के रूप में विस्फोटक होकर आने वाले समय में ना फूट जाए क्योंकि जिस तरह लगातार केस बढ़ रहा है नेताओं को इसकी चिंता नहीं है उन्हें तो केवल अपने वोट व विधायक ही नजर आ रही है यदि शीघ्र इस पर रोक नहीं लगाई गई पूर्व की भांति कहीं बेगुनाह लोग मौत के मुंह में ना चले जाएं वह दिन अभी भूले नहीं हैं जिनके परिवार जन खोए हैं ! रैलियों को जनसभा 1th को देखकर अब तो कवरेज करने में भी डर लगने लगा है कहीं चपेट में आ गए तो कोई देखने वाला भी नहीं है?

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