Breaking: हाईकमान हरीश रावत के ट्वीट पर चिंतित! उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली तलब ! प्रदेश प्रभारी की छुट्टी होना तय? ‘हरदा’ इस बार आर-पार की बैटिंग को तैयार@विशेष रिपोर्ट

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देहरादून (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ दिग्गज )। उत्तराखंड में कांग्रेस का बड़ा चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा की गई ट्वीट में हाई कमांड की रातों की नींद उड़ा दी है वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस में हड़कंप मच गया है आखिर ‘हरदा’ का अगला “मास्टर स्ट्रोक” क्या होगा हाईकमान ने तत्काल कांग्रेस के तीनों नेताओं को दिल्ली तलब किया है ?सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत कि 2 सूत्री मांगे महत्वपूर्ण है एक आगामी चुनाव के लिए चेहरा घोषित किया जाए दूसरा प्रदेश प्रभारी को हटाया जाए अब देखना यह होगा कि हाई कमांड इस फैल रहता पर कैसे रोकता है। उत्तराखंड कांग्रेस के लिए आगामी 2 दिन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। हाई कमांड हरीश रावत की प्रदेश प्रभारी को लेकर नाराजगी; प्रदेश में जारी कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक उठापटक को लेकर पार्टी आलाकमान सतर्क हो गया है ऐसे में पार्टी आलाकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत; नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष पीतम सिंह को तत्काल को दिल्ली बुला लिया है माना जा रहा है कि शुक्रवार को तमाम नेता दिल्ली में जुड़ेंगे ।पार्टी आलाकमान से मिलेंगे मुलाकात राहुल गांधी से भी हो सकती है सबसे महत्वपूर्ण बात प्रदेश प्रभारी को लेकर जो नाराजगी है उसको लेकर हरीश रावत खुलकर अपनी बात पार्टी आलाकमान के सामने रख सकते है। गौरतलब है कि हरीश रावत के पास प्रदेश प्रभारी को लेकर कई मुद्दे हैं जिनको लेकर हरीश रावत सहज महसूस नहीं कर रहे हैं पार्टी भी जानती है कि उत्तराखंड में हरीश रावत ही कांग्रेस के लिए जरूरी है ऐसे में हरीश रावत को नाराज करने का खामियाजा कांग्रेस आलाकमान नहीं भुगत सकता वैसे भी हरीश रावत को अमरिंदर समझने की भूल कांग्रेस नहीं करेगी क्योंकि अमरिंदर के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और हरीश रावत विपक्ष में संघर्ष कर रहे थे उनके पक्ष में माहौल बन रहा है ऐसे में इस माहौल को कांग्रेस खराब नहीं करना चाहेगी। अब देखना होगा कि हाई कमांड हरदा की बातों को गंभीरता से लेगा या फिर फ्री हैंड छोड़ देगा राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि हाईकमान ने हरदा की बातों को गंभीरता से नहीं लिया आने वाले 2022 के चुनाव में पंजाब की तरह कहीं हां भी खामियाजा न भुगतना पड़े सबकी निगाहें हाईकमान पर लगी हुई है।

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