पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खासम खास रहे ओम प्रकाश की छुट्टी
देहरादून:( विशेष संवाददाता)। उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है। राज्य में 2 साल पहले तक सबसे ताकतवर नौकरशाह माने जाने वाले ओम प्रकाश से मुख्य स्थानिक आयुक्त दिल्लीका पद वापस ले लिया गया है। भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री रहते जिस अधिकारी को सबसे ताकतवर माना जाता था, वह अधिकारी अब एक के बाद एक महत्वपूर्ण पदों से हटाया जा रहा है। सीएम पुष्कर धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही आईएएस ओम प्रकाश सरकार से दूर होते दिखे हैं।
गौरतलब है कि साल 2020 में त्रिवेंद्र सिं ने मुख्यमंत्री रहते 1987 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस ओम प्रकाश को मुख्य सचिव बनाया था। ओम प्रकाश त्रिवेंद्र रावत के कृषि मंत्री रहते हुए भी उनके सचिव रहे हैं। लेकिन त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद (त्रिवेंद्र के बाद तीरथ मुख्यमंत्री रहे) और पुष्कर धामी के मुख्यमंत्री बनते ही ओम प्रकाश का भार कम किया गया। अब आईएएस ओम प्रकाश के पास महज राजस्व परिषद के अध्यक्ष की ही जिम्मेदारी रह गई है। स्मरणीय कि पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश को सीएम पुष्कर धामी ने मुख्य स्थानिक आयुक्त की कुर्सी से हटा दिया है। 10 दिसंबर को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिए गएथे लेकिन इसे गोपनीय रक्खा गया था कार्मिक सचिव अरविंद ह्यांकी की ओर से 10 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि शासन ने जनहित में आपको मुख्य स्थानिक आयुक्त के पदभार से अवमुक्त करने का nirnay लिया गया है। शेष पदभार यथावत रहेंगे। गौरतलबहै कि इस फैसले की प्रति अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन व राज्यपाल के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा को भी भेजी दी है।मुख्य स्थानिक आयुक्त को दिल्ली में बंगला व वाहनों की सुविधा मयस्सर होती है। पद से हटने के बाद आईएएस ओमप्रकाश से यह सब सुविधाएं छिन जाएगी। मुख्य स्थानीय आयुक्त का काम राज्य के मसलों की केंद्र में ठोस पैरवी करना होता है। बरहाल इस ताकतवर नौकरशाह की किसी जमाने में उत्तराखंड में तूती बोलती थी परंतु युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के मास्टर स्ट्रोक ने हल्का सा झटका जोर से दिया है नौकरशाही मैं चर्चा है।