काशीपुर: किसानों की फसलें बर्बाद होने से जो क्षति हुई है; उत्तराखंड सरकार दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की तर्ज पर तत्काल 20 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को मुआवजा दे: दीपक बाली

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काशीपुर स्टाफ रिपोर्टर।आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड चुनाव कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष दीपक बाली ने उत्तराखंड सरकार से माँग की है कि कई दिनों की लगातार मूसलाधार बारिश से प्रदेश के किसानों की फसलें बर्बाद होने से जो भारी क्षति हुई है उसके लिए उत्तराखंड सरकार दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की तर्ज पर तत्काल 20 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को मुआवजा दे। प्रेस को जारी बयान में आप नेता दीपक बाली ने कहा है कि एक तो किसान पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन काले कृषि कानूनोको लेकर पिछले 1 साल से आंदोलन करते हुए सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे है जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही चौपट हो गई है ,ऊपर से पिछले कई दिनों से हो रही लगातार

मूसलाधार बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है जिस कारण समाज का पेट भरने वाला अन्नदाता खुद आज भुखमरी जैसे हालातों में आ गया है इसलिए उत्तराखंड की भाजपा सरकार को चाहिए कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर उत्तराखंड के किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रू का मुआवजा दे और खाद व बीजों पर सब्सिडी देने के साथ-साथ किसानों के बिजली बिल माफ करे अन्यथा प्रदेश का किसान बर्बाद हो जाएगा जिसका दुष्प्रभाव किसानों के साथ-साथ पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उत्तराखंड की सरकार को समझना होगा कि जिस देश और प्रदेश का किसान दुखी रहता है वह देश और प्रदेश कभी सुखी नहीं रह सकता ।श्री बाली ने कहा है कि आम आदमी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुई है जिसका जीता जागता उदाहरण दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल द्वारा दिल्ली क्षेत्र के किसानों की मूसलाधार बारिश से बर्बाद हुई फसलो के कारण हुई भारी क्षति की भरपाई के लिए 20 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने की ,की गई घोषणा है ।उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल द्वारा की गई मुआवजा घोषणा राशि पूरे भारत में सबसे अधिक है। यदि उत्तराखंड की भाजपा सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी मदद करने की इच्छा शक्ति रखती है तो उसे भी दिल्ली सरकार की तर्ज पर तत्काल राहत भरे कदम उठाने चाहिए अन्यथा आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में किसानों के हित में जरुरत पडी तो आंदोलन छेड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगी।

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