भाजपा द्वारा 2011 में घोषित जिले अस्तित्व में आयें – बड़ोला !
रानीखेत स्टाफ रिपोर्टर चार घोषित जिलों की संयुक्त संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक एवं सोसियल मीडिया में लगभग 7 साल से चल रहे ‘अभियान रानीखेत जिला’ के संयोजक डीएन बड़ोला ने एक भेंट में बतलाया कि सन 2011 में भाजपा के द्वारा 4 नए जिले घोषित किये गए तो समझा गया कि रानीखेत की जिला निर्माण की मांग अब पूरी हो जायेगी ! पर यहीं से जिलों के निर्माण में टालमटोल और जनता को ठगने का सिलसिला प्रारंभ हो गया ! मुख्य मंत्री आये और गए, उन्होंने वायदे भी किये पर यह सब वायदे जुमले ही साबित हुए !
बड़ोला ने बतलाया कि पुष्कर सिंह धामी के मुख्य मंत्री बनने के बाद खास तौर पर डीडीहाट मैं खुशी की लहर दौड़ गई ! डीडीहाट वासी प्रसन्न थे कि डीडीहाट के ही निवासी हैं तथा डीडीहाट उनका जन्म स्थान भी है ! धामी जी डीडीहाट जिला बनाओ संघर्ष समिति के वर्डसएप ग्रुप के सदस्य भी हैं ! इन सब कारणों से विश्वास है कि वह अवश्य ही डीडीहाट जिला निर्माण करेंगे ! इसी कारण उनके हाथ मजबूत करने हेतु डीडीहाट में 1 अक्टूबर से आमरण अनसन का कार्यक्रम चल रहा है !
वहीं रानीखेत के लोगो का कहना है रानीखेत जिले की मांग सन 1952 से चली आ रही है ! उनका कहना है उत्तराँचल सृजन के समय कुल तहसील 78 थीं ! आज तहसील 128 हो चुकी हैं अर्थात 50 तहसीलों की बढ़ोत्तरी हुई है ! पर जिले नहीं बढे !
छत्तीसगढ़ व उत्तराँचल दोनों ही नवम्बर 2000 में अलग राज्य बने ! उत्तराँचल सृजन के समय 13 जिले थे ! आज भी जिले मात्र 13 ही हैं ! उनमें कोई बड़ोत्तरी नहीं हुई है !! छत्तीसगढ़ में 16 जिले थे वहाँ अब 32 जिले बन चुके हैं !
रमेश पोखरियाल निशंक ने 2011 में राजाज्ञा (जी०ओ०) जारी कर चार जिलों – रानीखेत डीडीहाट, यमुनोत्री, कोटद्वार की घोषणा की थी ! परन्तु इन जिलों की अधिसूचना जारी नहीं की गई ! नतीजतन जिले अस्तित्व में नहीं आये ! यह जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा था !
भाजपा द्वारा घोषित रानीखेत जिला जो आज भी तहसील ही है, के अंतर्गत 6 ब्लाक हुवा करते थे ! आज अब केवल एक ब्लाक है ! रानीखेत के अंतर्गत समस्त ब्लाकों में तहसील स्थापित हो चुकी हैं ! इससे उत्तराखंड का ढांचा ही अस्त-व्यस्त हो चुका है ! इसी वजह से रानीखेत की अर्थव्यस्था भी ध्वस्त हो चुकी है ! रानीखेत की जन संख्या में भी कमी आई है, पलायन लगातार जारी है ! केवल रानीखेत को जिला बनाए जाने पर ही इस शहर को बचाया जा सकता है !
बड़ोला ने बतलाया उन्होंने इन चारों जिलों को पुनर्जीवित करने हेतु अभियान रानीखेत जिला नाम से सोसियल मीडिया अभियान 25 सितम्बर, 2014 को प्रारंभ किया गया ! अभियान जिला रानीखेत, उत्तराखंड में सोसियल मीडिया का पहला सबसे लम्बे समय से (2,623 दिन से ) चल रहा अभिनव अभियान है ! इस अभियान को अब 6 साल 10 माह 13 दिन हो चुके हैं ! इसके अंतर्गत आमरण अनसन हेतु तत्पर जिला आन्दोलनकारियों के लगभग 1,000 से भी अधिक वीडियो सन्देश मिले हैं ! 163 पुरुषों ने आमरण अनसन की सहमती दी है ! महिलाऐं भी पीछे नहीं हैं ! 17 महिलाओं ने आमरण अनसन की सहमति दी है ! बांकी लोगों ने धरना व एक दिवसीय भूख हड़ताल की सहमति दी है !
अब रानीखेत की जनता हर तरह के आन्दोलन के लिए तैयार हैं ! हम आर पार की लड़ाई लड़ने हेतु संकल्प बद्ध हैं ! अभी तक हमें 3,188 लाइक्स मिल चुके हैं इस अभियान से जुड़े कुल फोलोवर्स की संख्या 3,196 है हो चुकी है ! यह संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है !
2019 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2011 में घोषित चार जिलों – रानीखेत, डीडीहाट, कोटद्वार, यमुनोत्री के जिले प्रेमी लोगों ने देहरादून मैं एक संयुक्त सभा की ! इस सभा मैं “भाजपा द्वारा घोषित चार जिलो की संयुक्त संघर्ष समिति” की स्थापना की गई, जिसमें अब्बल चंद कुमयाँ को अध्यक्ष चुना गया तथा डीएन बड़ोला को मुख्य संरक्षक चुना गया ! 14 नवम्बर, 2019 को जन चेतना अभियान के अंतर्गत यह यात्रा रानीखेत पहुँची ! चारों जिलों में जन जागरण यात्रा के सदस्य मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले, जिन्होंने 2019 के अंत तक जिलों की घोषणा की बात कही ! पर पूर्व घोषणाओं की तरह यह घोषणा भी निरर्थक निकली ! उचित समय है जब इनके लिए अधिसूचना जारी कर इनको अस्तित्व में लाया जाय ! सरकार द्वारा पहले ही इस सम्बन्ध मैं शासनादेश जारी किया जा चुका है !