ऋषिकेश । अपनी ही पार्टी के पार्षदों से अनबन और मंडलाध्यक्ष से समन्वय हीनता ने मेयर अनिता ममगाई को बैकफुट पर ला दिया है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इस सिरफुटौव्वल को गंभीरता से लेते हुए मेयर अनिता ममगाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हफ्ते भर में जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। निगम गठन और मेयर की ताजपोशी के बाद से ही सुलग रही मतभेदों की आग आखिरकार भड़क गई है।
प्रदेश भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया। प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने अनिता ममगाई को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। गंभीर पहलू ये है कि पहली बार किसी मेयर को प्रदेश संगठन ने इतने सख्त लहजे में पत्राचार किया है। आरोप है कि मेयर अनिता ममगाई की ओर से आंतरिक कलह को मीडिया में उछालने से पार्टी की छवि धूमिल हुई है।
प्रदेश संगठन ने मेयर को सुचिता का पाठ पढ़ाते हुए कहा है कि पार्टी में रहते हुए किसी भी घटना को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करना भाजपा की धारा 25 (घ) का उल्लंघन है। साथ ही ऐसा कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। प्रदेश महामंत्री ने पत्र जारी कर आगाह किया है कि मेयर अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित अधोहस्ताक्षरी को भी भेजें। यदि तय अवधि में मेयर की ओर से जवाब न मिला तो माना जायेगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है। ऐसे में पार्टी संगठन मेयर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि कुछ माह पहले एक दर्जन से अधिक भाजपा पार्षदों ने संगठन को एक शिकायती पत्र सौंपा था। इसमें आरोप लगाए गए थे कि मेयर पार्टी पार्षदों को नजरअंदाज करती हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी न सुन विपक्षी पार्षदों को तरजीह दी जाती है। पार्टी पार्षदों और मेयर की संवादहीनता यहां तक पहुंच गई कि समाचार पत्रों में सुर्खियां पाने लगे। शिकायती पत्र में कहा गया कि मेयर की अनदेखी के कारण न सिर्फ विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि पार्टी में खेमेबंदी भी सतह पर आ गई है। शिकायत का संज्ञान लेने के बाद प्रदेश भाजपा महामंत्री कुलदीप कुमार ने ऋषिकेश का दौरा भी किया और अपने स्तर से विवाद की पड़ताल की। इसी कड़ी में नोटिस जारी की गई है।
मेयर नगर निगम ऋषिकेश अनिता ममगाईं ने कहा मुझे संगठन की और से कोई भी नोटिस नहीं मिला है। यह संगठन एवं उनके बीच का मामला है। वह भाजपा पार्टी के लिये सच्चे सिपाही की तरह काम कर रही है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जब तक का बहुत सख्त कदम बीजेपी संगठन ने उठाया है इससे हड़कंप मच गया हैl