लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के पश्चात यदि साल में एक माह ही उसके ताले खुले और 11 महीने तक वह आशियाना बंद रहे तो मामला शक की ओर जाना स्वभाविक है? लाखों रुपए खर्च करने के पश्चात भी सैकड़ों मकानों में ताला क्यों लगा हुआ है ?? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्या ने सीबीआई की जांच की मांग की !! विशेष रिपोर्ट

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उत्तरांचल देवभूमि माया आज बहुत बड़ा खुलासा करने जा रहा है.. हम इसकी शुरुआत करें इससे पूर्व एक जानकारी देना चाहते हैं हर नागरिक का एक सपना होता है, उसका आशियाना बने अच्छी बात आशियाना बनना चाहिए,परंतु लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के पश्चात यदि साल में एक माह ही उसके ताले खुले और 11 महीने तक वह आशियाना बंद रहे तो मामला शक की ओर जाना स्वभाविक है। लाखों रुपए खर्च करने के पश्चात भी सैकड़ों मकानों में ताला क्यों लगा हुआ है आप इसको क्या मानेंगे जबकि सभी फ्लैट, रिसोर्ट बिक चुके हैं।आप आश्चर्यचकित होंगे लाखों रुपया खर्च करने के बाद आशियाना खरीदा और 11 महीने तक ताले जड़े रहे।जी हां आपको हम उत्तराखंड के भवाली रामगढ़ भीमताल मुक्तेश्वर ज्योलीकोट नैनीताल सहित पर्वतीय क्षेत्रों मे बड़ी तादात में फ्लैट रिसोर्ट के संदर्भ में बताते है जो साल में एक एक महीना भी मुश्किल से ही खुले रहते हैं 11 महीने उसमें ताला पड़ा रहते हैं ।विशेष की गई छानबीन में जो तथ्य सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं ,सूत्रों के मुताबिक अधिकांश बेनामी संपत्ति ही है।और 11 महीने से ज्यादा समयतक जब इनके मालिकों,हिस्सेदारों की तहकीकात की जाये तो एक ही उत्तर मिलता है दिल्ली वालों के और वहां पर चौकीदार रखे हुए हैं साल में एकाद महीना ही आते हैं आखिर यह फ्लैट किसके हैं इसका मालिक कौन है ना घर के बाहर नेम प्लेट लगी हुई है नहीं सरकारी आंकड़ों में इसकी कोई जानकारी है बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश सहित कई ब्यूरोक्रेट नेतागण के करीबियों द्वारा रिसोर्ट व फ्लैट खरीदे गए हुए हैं कभी कभी फ्लैटों वह रिसोर्ट के बाहर यहां हरियाणा दिल्ली यूपी और अन्य प्रदेशों के नंबर की गाड़ियां ही साल में कभी-कभी दिखाई देती है इसके अलावा यहां पर ताले जड़े रहते हैं कई चौकीदारों ने बताया कि उन्हीं की जमीन थी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बेच दी थी अब वहीं पर चौकीदारी कर रहे हैं। पूछे जाने पर कि यह फ्लैट या रिसोर्ट किसके हैं एक ही जवाब मिलता है दिल्ली वालों के। सूत्रों का मानना है कि यदि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो इसमें 60 से 70% बेनामी संपत्ति साबित होगी और कोई भी मालिकाना हक के लिए सामने नहीं आएगा सूत्रों का यह भी मानना है कि यदि इसकी जांच कराई जाए तो करोडों रुपए का राजस्व राज्य खजाने में जमा हो सकती है।सूत्रों से पता चलता है कि अधिकांश सौदे धन्नासेठों द्वारा स्टाम्प पेपर पर,या फिर अपने नोकर चाकरों,रिश्तेदार के नाम पर किया गया है भू अध्यादेश के लिए जो आवाज उठाई है यदि दो दशक पूर्व लागू हो जाता ,जिस तरह हिमाचल तथा सिक्कम में लागू है कि बाहर का कोई भी व्यक्ति जमीन व फ्लैट नहीं खरीद सकता है अगर यह कानून लागू होता तो आज यहां पर बाहर के लोग इस तरह लाखों करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति यहां पर नहीं लगा पाते।और भूमाफियाओं, नेताओं और सम्बंधित विभागों की मिलीभगत ने सिर्फ राजस्व की हानि कर रही है बल्कि जमीन व फ्लैटों की कीमत आसमान छू रही है,इसका एक बड़ा दुष्प्रभाव ये है कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की संस्कृति ,जैव विविधता, पर्यावरण भी खतरे में आ रहा है,जिससे कि यहाँ के बुद्धिजीवी बेहद चिंता में है ,समाजिक सरोकारों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार कैलाश जोशी का मानना है कि सरकार को सभी सम्पतियों उनकी खरीद बिक्री की गोपनीय जांच करा कर कार्यवाही करें।आम आदमी एक छोटे से मकान के लिए सपना सजाए बैठा है परंतु और उसका एक सपना सपना ही बनकर रह गया है यही कारण है कि बाहर के लोग और कुछ बिल्डर खरबपति बन चुके हैं नागरिकों ने मांग की है कि सैकड़ों की तादाद में बंद पड़े फ्लैटों रिसोर्ट की जांच कराई जाए और इस बेनामी संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में ले इससे करोड़ों खरबों रुपया सरकार के खजाने में निसंदेह जमा हो जाएगा जागरूक नागरिकों का यहां तक कहना था कि इसकी यदि गंभीरता से जांच हो गई तो यहां मिनी राजधानी बस सकती है अब देखना यह होगा कि सरकार कितनी गंभीरता से इसको लेती है और जांच के आदेश भेजी है जिससे कि वास्तविक रूप से पता चल सके सैकड़ों फ्लैट ,रिसॉर्ट के आखिर मालिक कौन है और वह भवन कर अदा कर रहे हैं नहीं? उत्तराखंड महिला कांग्रेस के लोकप्रिय संभावित नैनीताल विधानसभा प्रत्याशी सरिता आर्य ने कहा कि स्थित सीबीआई की जांच होनी चाहिए जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा यदि आप काले धन लगा है इसको जब कर जप्त कर सरकारी खजाने में जमा करेंl यदि हिमाचल तथा सिक्किम राज की तर्ज पर भू जमीन अध्यादेश लागू हो जाता जो बाहर के लोग खरीद-फरोख्त काला धन खा पा रहे हैं वह निसंदेह यहां पर नहीं हो पाता lजारी शेष अंक में…?

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