कात्यायनी फाउंडेशन हल्द्वानी संस्था नन्हे नन्हे बच्चे द्वारा कूड़ा उठाने वालों के लिए देवदूत के रूप में सामने आए उन्होंने बच्चों को समझाया कि आपका काम पढ़ना लिखना है और बड़े होकर बड़ा आदमी बनना है आपको माता पिता से कहना है कि वह पढ़ाई करेंगे और कूड़ा बीनने का काम नहीं करेंगे बच्चों को इस पर जबरदस्त असर पड़ा बच्चों ने स्वीकार किया कि वह भविष्य में कूड़ा करकट नहीं उठाएंगे और स्कूल में जाएंगे गौरतलब है कि राजपुरा में छोटे-छोटे बच्चे कूड़ा उठाते हैं और स्कूल मैं नहीं जाते हैं आज संस्था की समाजसेवी लोकप्रिय आशा शुक्ला के नेतृत्व में सड़क पर कूड़ा भी रहे बच्चों को को जूस बिस्कुट मास्क और सैनिटाइजर लगाया और बच्चों से कहा कि आपको अच्छे-अच्छे कपड़े दिए जाएंगे वह पढ़ाने के लिए पढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे आज बच्चों पर इसका खासा असर पड़ा और बच्चों ने माना कि वह भविष्य में कूड़ा नहीं उठाएंगे और अपने माता-पिता से ऐसा ना करने के लिए कहेंगे श्रीमती आशा शुक्ला के साथ शालीन शिखर शुक्ला निशिता कात्यायनी शुक्लाआज हमने राजपुरा मेरी छोटे बच्चे जो कूड़ा उठाते हैं उनको बुलाया और उन सब बच्चों को समझाया कि यह काम कौन करवाता है और अगर मां-बाप करवाते हैं तो हमें बताओ हम चलते हैं बात करने और उनको मैंने बिस्किट और जूस दिए और उनको मास्क और सैनिटाइजर लगाया गौरतलब है कि कात्यायनी फाउंडेशन इस तरह से बच्चों के लिए हर तरह की हेल्प करने को तैयार है उनको हम कपड़े की भी व्यवस्था करेंगे लेकिन उन बच्चों से कूड़ा ना उठाया जाए और उनको स्कूल भेजा जाए और उनकी पढ़ाई का एनजीओ खर्च उठा सकती है इस टाइप की 12 एनजीओ वाले भी हैं जो बच्चों को पढ़ाने से लेकर सभी कुछ खर्च उठाते हैंl संस्था द्वारा किए गए इस कार्य के लिए चौतरफा प्रशंसा की जा रही हैl