वन माफियाओं के दोहन से 150 गांव जल संकट की चपेट में!

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उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी ने किया ’गधेरा बचाओ गगास बचाओ’ अभियान के लिए जन समर्थन की अपील

द्वाराहाट विधानसभा के चैड़ा घुघती, दूनागिरी क्षेत्र एवं बग्वालीपोखर तक लगभग 150 गांव जल संकट की चपेट में

पहाड़ियां में बाज के वृक्ष, बुरास के वृक्ष एवं चैड़ी पत्तियों वाले पेड़ का अवैध कटान एवं वन्य माफिया के द्वारा दोहन

द्वाराहाट-30 मार्च विशेष संवाददाता- उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के द्वाराहाट संयोजक श्री शंकर दत जोशी ने ’गधेरा बचाओ गगास बचाओ’ अभियान के लिए किया जन समर्थन का अपिल। उन्होंने कहा ’जल संकट अब पूरे द्वाराहाट विकासखंड में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान में पूरे विकासखंड के जालली ईड़ा क्षेत्र से मल्ली मिरई एवं भिकियासेन ब्लॉक के द्वाराहाट विधानसभा के चैड़ा घुघती से दूनागिरी क्षेत्र एवं बग्वालीपोखर तक लगभग 150 गांव जो पूर्णतया जल संकट की चपेट आ चुका है और यहां भारी पेयजल समस्या पुरे क्षेत्र में आया हुआ है।

वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जो भी पेयजल योजना चलाए जा रहे हैं वह सब क्षेत्रवासियों के लिए अपर्याप्त है और बिल्कुल दयनीय स्थिति में है एवं रखरखाव ठीक ढंग से ना करने की वजह से क्षेत्र के सभी पेयजल योजना जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है। कई जगह लगाए गए नल वर्षों से सूखे पड़े हैं तो कई जगह लंबी-लंबी कतार में लोग पानी भरते हैं। पूर्व में जितने भी सरकार उत्तराखंड में आई है वह सभी ने इन क्षेत्रों को नजरअंदाज किया एवं कोई भी पर्याप्त विकास की योजनाओं को क्षेत्रवासियों के लिए अभी तक लाया नहीं गया है।

पर्यावरण की दृष्टि से भी यह क्षेत्र अब काफी कुछ खो चुका है। वन माफियाओं ने क्षेत्र में लगे वाज के वृक्ष, बुरास के वृक्ष एवं चैड़ी पत्तियों वाले बड़े-बड़े वृक्षों को अवैध रूप से काट दिए है। बरसों से वन माफियाओं ने पूरे क्षेत्र के पहाड़ियों पर कब्जा कर रखा है और उपयोग होने वाले सभी लकड़ियों का यही से व्यापार करके अवैध कटान करते रहते हैं। इस पर स्थानीय प्रशासन ने भी अभी तक मौन धारण किए हुए हैं जिससे कि पर्यावरण का दोहन दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है और पहाड़ियों में मौजूद जल स्रोत भी समाप्त हो रहे है। आने वाले कुछ वर्षों में यह पूरा क्षेत्र सूखाग्रस्त हो जाएगा एवं पेयजल की समस्या अपने चरम पर होगी।

पूरे 150 गांव हेतु जो भी पेयजल योजनाएं बनी है वह गगास नदी से बनी है या फिर छोटे-छोटे गधेरो से मिलकर। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जो भी पेयजल योजना चलाई जा रही है वह सब गजराज नदी के टोडरा पेयजल योजना एवं खीरोंघाटी पंपिंग पेयजल योजना सभी गगास नदी पर बनी है। वही देवास नदी का उद्गम जो कि दूनागिरी व पांडवखोली के पहाड़ी से है और इसके सहायक गधेरे हैं जिनसे क्षेत्र के लोगो को पानी मिला करता है वह सब धिरे धिरे सुखते जा रहे है।

यदि समय रहते उक्त गधेरो का संरक्षण व संवर्धन नहीं हो पाया तो आने वाले समय में गगास नदी पर भयंकर संकट आएगा जिसका असर द्वाराहाट विकासखंड के साथ-साथ ताड़ीखेत व भिकियासेन ब्लॉक के कई गांवों पर पड़ सकता है।

उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के संयोजक श्री शंकर दत जोशी ने सभी जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवी वर्ग और सामाजिक संगठनों से आह्वान है कि आप सभी लोग एक मंच पर बैठकर जल की समस्या को देखते हुए वैचारिक मंथन करें। एवं क्षेत्र के लोगो के साथ-साथ गगास नदी को पुनर्जीवित करते हुए ’गधेरा बचाओ गगास बचाओ’ अभियान का हिस्सा बने।

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