पंतनगर/रूद्रपुर 22 विशेष संवाददाता महामहिम राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने आज गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में आयोजित 4 दिवसीय 109वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शिनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। उन्होने स्टालों का निरीक्षण किया व कृषि से जुड़ी उन्नतशील प्रजातियों व कृषि उपकरणों की खासियत जानी, साथ ही वैज्ञानिकों को उन्नतशील प्रजातियों व कृषि उपकरणों को किसानों तक पहुचाने को कहा जिससे किसान इस तकनीक को अपना कर अधिक से अधिक उत्पादन लेकर अपनी आय दुगनी कर सके। इस दौरान उन्होंने स्वंय सहायता समूहांे की महिलाओं द्वारा उत्पादित हल्दी और लाल गुलाल की खरीददारी की। उन्होंने गाँधी हॉल में आयोजित गोष्ठी के दौरान कुलपति व किसानों के संवाद को सुना । उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कृषक यहाँ पहुँचे है इससे लगता है कि हमारा किसान कृषि के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आज भी हमारा अन्नदाता 80 प्रतिशत गाँवो में निवास करता है, जिसके कारण पूरे देश में हमारी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में भी जो किसान काम कर रहा है वे मन लगाकर काम करे और देश की उन्नति में अपना योगदान देते हुए अपने आप को आत्मनिर्भर बना सके। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि किसान को उसके द्वारा उत्पादित फसल का सही दाम मिक सके ताकि किसान को कर्ज न लेना पड़े व उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 के दौरान लोगों ने खेती को बढ़ावा दिया है वह भविष्य के लिए अच्छे संकेत है। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश का प्राणदाता भी है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा किसानों का मान सम्मान करती हूं। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी के मामले में उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से समृद्ध है। बाहर की कम्पनिया जड़ी- बूटी से सम्बंधित उत्पाद तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना है तो जड़ी-बूटी से जुड़े उत्पाद तैयार करना होगा, इसके लिए स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि व्यवहारिकता में जीना सीखो वही जीवन है, हम देवभूमि में रहते हैं हमे ईश्वर के आशीर्वाद से अपार सम्पदायें मिली है। महामहिम राज्यपाल महोदया द्वारा कृषक संवाद के दौरान प्रदेश में लगातार भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम कैसे जल का संरक्षण करे इस पर कार्य करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी को पानी की कमी न हो। उन्होंने कहा कि आज जो छोटे छोटे बच्चे विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं, इसका कारण रासायनिक उर्वरकों का लगातार हो रहे इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल न करते हुए खेती में जैविक खाद का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आदमी की आमदनी कैसे बढ़े इस प्रकार सरकार लगातार काम कर रही हैं, और जो भी बातें इस संवाद के दौरान उठाई गई हैं उन सभी बातों पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा। इसके उपरांत राज्यपाल महोदया द्वारा पद्मश्री प्रेम चन्द्र शर्मा को सम्मानित किया गया व वहाँ उपस्थित समस्त कृषक, वैज्ञानिकों और पत्रकारों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल महोदया द्वारा कृषि से सम्बंधित पुस्तकों का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल महोदया को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तेज प्रताप सिंह ने स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
मेले में विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों, विश्व विद्यालय के द्वारा वाह्य शोध केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विभिन्न फर्मों द्वारा अपने-अपने उत्पादों एवं तकनीकों व ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, पावर ट्रिलर, पावरप वीडर, प्लान्टर मशीन, सब-स्वायलर, सिंचाई यंत्रों एवं अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों व खरीफ की विभिन्न फसलों यथा धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन इत्यादि के बीजों की बिक्री एवं विभिन्न शोध केन्द्रों द्वारा उत्पादित सब्जियों, फूलों, औषधीय व संगध पौधों, फलों इत्यादि के पौधों व बीजों की बिक्री भी की गई, साथ ही कृषि निवश जैसे-खाद, उर्वरक, बीज, पशु आहार, पशुचिकित्सा, कीट एवं रोग के नियंत्रण हेतु रासायनिक एवं जैविक उत्पाद, नर्सरी उत्पाद इत्यादि से सम्बन्धित फर्मों द्वारा भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर प्रदीप कुमार मौर्य, क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरु, प्रसार निदेशक अनिल कुमार, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चैहान, उपजिलाधिकारी आईएएस विशाल मिश्रा, प्रशिक्षु आईएएस जय किशन, तहसीलदार डॉ अमृता शर्मा, कृषक भारत भूषण त्यागी, नरेन्द्र सिंह मेहरा, माया नेगी, सुरेन्द्र सिंह कुण्डरा, मनमोहन सिंह, भगत दर्शन सिंह आदि उपस्थित थे।