नैनीताल विशेष संवाददाता अब तक के इतिहास में इस तरह का आंदोलन उत्तराखंड प्रथम बार शुरू करने से पहले मां धरती के नाम पौधा लगाकर कर्मचारी महासंघ कुमायूं में अद्भुत परिचय दिया है अनोखा आंदोलन चला रहे हैं संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी। ।।। निगम मुख्यालय में चलाए जा रहे आंदोलन की शुरुआत गुरुरानी द्वारा एक पौधा धरती मां के नाम के तहत पौधा लगाकर की जाती है। साथ ही उनके द्वारा सभी को पर्यावरण संरक्षण के तहत एक पौधा धरती मां के नाम लगाने की शपथ व हिमालय बचाने की शपथ दिलाई जाती है। साथ ही प्रार्थना और राष्ट्रगान भी आंदोलन की अवधि में किया जाता है। और देशभक्ति का जज्बा भी कर्मचारियों में जगाया जाता है। आंदोलन भी ऐसा किया जा रहा है जहां समूचे कुमाऊं मंडल में निगम कर्मचारी अपने कक्षो में कार्य कर जनता को सुविधाएं दे रहे हैं। किसी प्रकार की कोई परेशानी जनता को नहीं हो रही है ।वही मुख्यालय में भी कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। समूचे कुमाऊं मंडल के प्रत्येक जनपद से 6 कर्मचारी कुल 36 कर्मचारी निगम मुख्यालय पहुंचा है। जो आंदोलन में बैठकर अपनी बात को प्रशासन तक रख रहा है। उनका उद्देश्य है कि कार्य भी प्रभावित ना हो और कर्मचारी की बात भी निगम प्रबंधन तक हो सके। समूचे उत्तराखंड में उनके द्वारा एक नजीर पेस की जा रही है। उनके द्वारा पूर्व में निगम में किए गए आंदोलन के तहत समूचे कुमाऊं मंडल में सभी आवास गृहों व निगम परिसरों में वृहद रूप से सफाई अभियान व पौधारोपण का कार्यक्रम भी चलाया गया ।उनके द्वारा राज्य में जहां भी आंदोलन चलाए जाते हैं समर्थन देते वक्त पौधारोपण व हिमालय बचाने की शपथ दिलाई जाती है। उनके द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा आदि कैलाश यात्रा ट्रैकिंग टूअर्स में आने वाले पर्यटकों को भी पौधारोपण व स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ा जाता रहा है।उनके द्वारा अभी तक 50,000 से ज्यादा लोगों को शपथ दिलाई गई है। वहीं एक लाख से ज्यादा लोगों को शपथ रजिस्टर भरा कर इस मुहिम से जोड़ा गया है। उनके द्वारा शादी समारोह में वर-वधू से परिणय पौधा लगाकर शपथ दिलाई जाती है। सालगिरह जन्मदिन विशेष अवसरों पर भी पौधारोपण किया जाता है। उनके द्वारा पिथौरागढ़ में मानसरोवर यात्री वाटिका मां उल्का देवी यात्री वाटिका सहित कई वाटिका बनाई गई है। उनका उद्देश्य है कि राज्य का कर्मचारी अपनी बात को गांधीवादी तरीके से रखे ।जनता के प्रति अपनी जवाबदेही का पूर्ण निर्वहन करते हुए आंदोलन करें। वही विभागाध्यक्षो की भी जिम्मेदारी बनती है वह भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करें।